उत्तर प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध प्रयागराज त्रिवेणी संगम में मां गंगा एवं यमुना उफान पर हैं। शनिवार काे दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार हो गया है। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। राहत कार्य के साथ प्रशासन और बाढ़ चौकियां सक्रिय हैं। कई शिविरों में लोग शरण लिए हुए हैं।
जिले में बाढ़ के बढ़ते खतरे काे लेकर जिलाधिकारी मनीष वर्मा हर एक घंटे का अपडेट ले रहें है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों नाव, एनडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं। जिला सूचना विभाग की ओर से शनिवार काे सुबह 10 बजे बाढ़ काे लेकर जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया कि गंगा के फाफामऊ घाट पर 84.76 मीटर जलस्तर पहुंच गया है। नैनी में यमुना का जलस्तर 84.78 मीटर पर पहुंच गया है। प्रयागराज से वाराणसी की ओर गांव का जलस्तर 84.13 मीटर है। जबकि प्रयागराज में खतरे का लेबल 84.734 मीटर पार निर्धारित है। सभी बांध सुरक्षित है।
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हर्षिका सिंह ने बताया कि शनिवार को गंगा एवं यमुना का जल स्तर खतरे का निशान पार कर गया है। इससे कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें सक्रिय हैं और राहत कार्य के साथ लाेगाें काे राशन किट के साथ बुनियादी चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं।
बाढ़ से प्रभावित होने वाले वार्ड, मोहल्ले एवं गांवों के नाम
प्रयागराज के सदर तहसील के 33 मोहल्ले हैं, जिनमें कछार मऊ, सरैया, राजापुर देह माफी, असदुल्लापुर मो.बाद, बेली कछार, बेली उपरहार, बघाडा जहरूद्दीन, बघाडा बालन, मेहदौरी कछार, शिवकुटी, चांदपुर सलोरी उपरहार, सादियाबाद कछार, चिल्लापटटी, अराजी बारूद खाना कछार, आराजी जोधवल, अराजी बारूद खाना उपरहार, गोविंदपुर, चांदपुर सलोरी कछार, बकशी उपरहार, बकशी कछार, बभनपटटी कछार, बराही पटटी कछार, मुस्तफा बाद मुंस्कसमा, सराय मौज उर्फ कीडगंज, बखतियारा, दरियाबाद, मेहदौरी उपरहार, म्योराबाद, नकौली कछार, कछार भिखी सराय, नकौली उपरहार, नेवादा है। इसी तरह फूलपुर तहसील के तीन गांव सोनौटी, बदरा, धोकरी के गांवाें में बाढ़ का पानी घुस गया है। करछना तहसील के दो गांव देहली भगेसर, हथसरा, सोरांव तहसील के फाफामउ, गंगानगर, मेजा तहसील के झरियारी, अमिलिया खुर्द गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ प्रभावित परिवाराें काे शिविराें में पहुंचाया
गंगा युमना में उफान से आई बाढ़ के चलते अभी तक जाे गांव प्रभावित हुए हैं उनके 431 परिवाराें काे राहत शिविराें में पहुंचाया गया है।इन परिवाराें की संख्या की बात की जाए ताे 1495 लोग शिविराें में शरण लिए हुए हैं। अन्य स्थानों पर 1495 लोग रह रहे हैं। वहीं बाढ़ के पानी से अभी तक फसल नष्ट हाेने की सूचना नहींं है। जबकि बाढ़ से 13 गांवों का आवागमन प्रभावित हुआ है।
चिन्हित बाढ़ राहत शिविर के लिए सदर में 26 स्थान, सोरांव में 7 स्थान, फूलपुर में 13 स्थान, करछना में 20 स्थान, मेजा में 11 स्थान, बारा में 9 स्थान, कोरांव में 3 स्थान हैं। इस तरह कुल 95 शिविर बनाने के लिए स्थान निर्धारित किया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए कुल 23 नावें चलाई जा रही हैं।