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मप्र: शिवराज के राज में इस तरह बढ़ा निवेश व रोजगार

इंदौर, 11 जनवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जानेवाले इंदौर शहर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आज शुरू गई है। ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में हो रही इस समिट से उम्मीद है कि इसमें दो लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए एमओयू हो सकते हैं। दरअसल, वर्ष 2007 से ही मध्य प्रदेश में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट दुनिया भर के निवेशकों और व्यापार समुदाय के लिए बहुत बड़ा सुअवसर बना है। इस बार भी जीआईएस एक ऐसा मंच है, जहां वैश्विक नेता, उद्योगपति और विशेषज्ञ उभरते बाजारों पर अपने विचार साझा करने, निवेश क्षमता का दोहन करने की मंशा से मध्य प्रदेश की सफलता की कहानी का हिस्सा बनने के लिए एक साथ आए हुए हैं । समिट ''फ्यूचर रेडी मध्य प्रदेश'' के लिए ये दिग्गज आए यहां इस बार समिट की थीम ''फ्यूचर रेडी मध्य प्रदेश'' रखी गई है। उद्योग जगत के दो हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बिजनेस से बिजनेस और बिजनेस टू ग्रुप मीटिंग में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शामिल होकर उद्योगपतियों से निवेश को लेकर चर्चा कर रहे हैं। समिट में नादिर गोदरेज, गोदरेज इंडस्ट्रीज, कुमार मंगलम बिड़ला, चेयरमैन आदित्य बिड़ला ग्रुप, नोयल एम टाटा, चेयरमैन टाटा इंटरनेशनल, प्रणव अडानी, एमडी अडानी ऑइल एग्रो एंड गैस, संजीव पुरी, सीएमडी, आईटीसी, संजय किर्लोस्कर, सीएमडी, किर्लोस्कर ब्रदर्स, अजय पिरामल, पिरामल इंटरप्राइजेस, अभय फिरोदिया, संजीव बजाज, सीएमडी, बजाज फिनसर्व, राकेश भारती मित्तल, वाइस चेयरमैन, भारती इंटरप्राइजेस, डॉ. नरेश त्रैहान, चेयरमैन मेदांता ग्रुप, राघवपत सिंघानिया, एमडी, जेके सीमेंट, संजीव मेहता, सीएमडी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, चेयरमैन, फोर्स मोटर्स, पुनीत डालमिया, एमडी डालमिया भारत ग्रुप, एसएन सुब्रमनियम, सीएमडी, एलएंडटी, एम ए युसूफ अली, सीएमडी, लूलू ग्रुप इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विशेष तौर पर हिस्सा लेने मध्य प्रदेश आए हैं। अब तक हुईं ये अहम पांच ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट अब तक मध्य प्रदेश में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर नजर डालें और इन सभी में सीएम शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को देखें तो ध्यान में आता है कि कैसे उनके विकसित मध्य प्रदेश बनाने की कोशिशों के परिणाम आज सामने आ रहे हैं। यहां पहली समिट- अक्टूबर 2007 में हुई थी, इसमें 102 एमओयू हुए और उसके बाद 17,311.19 करोड़ का निवेश आया, साथ ही 49 हजार 750 से अधिक को रोजगार मिला था। प्रदेश में दूसरी समिट अक्टूबर 2010 में हुई, 109 एमओयू हुए, 26,879.23 करोड़ का निवेश आया और 25 हजार से अधिक को रोजगार मिल सका था । वहीं, यदि तीसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की बात की जाए तो अक्टूबर 2012 में यह सम्पन्न हुई थी। इस समिट में 425 एमओयू हुए थे और 26,054.85 करोड़ का निवेश राज्य में आना संभव हो सका था। वहीं, इसका परिणाम यह भी रहा कि 31 हजार 530 से अधिक को रोजगार मिलना संभव हुआ। जमीन पर उतरे डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट शिवराज सरकार ने इसके आगे भी अपना ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कराए जाने का सिलसिला जारी रखा और राज्य में चौथी समिट अक्टूबर 2014 में कराई गई। जिसके परिणाम स्वरूप 3,160 एमओयू से 49,272.5 करोड़ का निवेश आया और 38 हजार 750 से अधिक लोगों के जीवन से बेरोजगारी समाप्त हुई। इसके बाद पांचवीं इन्वेस्टर्स समिट अक्टूबर 2016 में शिवराज सरकार ने कराई और वह उद्योगपतियों के साथ 2,635 एमओयू करने में सफल रही। इससे प्रदेश भर के लोगों के साथ देश के तमाम राज्यों के 92 हजार 700 से अधिक लोगों को रोजगार मिल सका। साथ ही 32,597.66 करोड़ का निवेश मध्य प्रदेश में आया। इस तरह से वर्ष 2004 से अबतक की हुई सभी पांच ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए 2,22,004.41 करोड़ का निवेश राज्य में हुआ है और देशभर के 2,91,835 से अधिक को रोजगार मिलना संभव हो सका है। जमीन पर डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट उतरे हैं। उल्लेखनीय है क मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों से एक बार फिर से मध्य प्रदेश, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से संभावित निवेशकों के लिए राज्य की क्षमताओं का विकास, निवेश के माहौल और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने तथा अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए विकास का एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार दिखाई दे रहा है। शिवराज सरकार को उम्मीद है कि पूर्व की अपेक्षा इस बार प्रदेश में अधिक निवेश आएगा और रोजगार के हजारों नए द्वार खुलेंगे।
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