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कठिन ट्रेनिंग के बाद 255 गोरखा रंगरूट भारतीय थल सेना के अभिन्न अंग बने

वाराणसी, 14 अक्टूबर (हि.स.)। वाराणसी के छावनी क्षेत्र स्थित 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर में 42 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद आर-241 जीआर बैच के 255 रंगरूट भारतीय थल सेना का अभिन्न हिस्सा बन गए। शुक्रवार को गोरखा ट्रेनिंग सेंटर के कसम परेड ग्राउंड में जवानों ने पवित्र ग्रंथ गीता पर हाथ रखकर देश की रक्षा के लिए जान न्योछावर करने की शपथ ली। इससे पहले नेपाली संस्कृति के अनुसार जवानों को उनका परंपरागत हथियार खुखरी भेंट किया गया।

परेड की समीक्षा मुख्य अतिथि मेजर जनरल जय सिंह बैसला, जनरल ऑफिसर कमाडिंग मुख्यालय पूर्व यूपी और एमपी सब एरिया ने की। शपथ ग्रहण समारोह के बाद मेजर जनरल ने शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर स्मृति धाम में आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए।

42 सप्ताह के प्रारंम्भिक और उन्नत सैन्य प्रशिक्षण के बाद रंगरूटों को युवा लड़के से अनुशासित सैनिक में परिवर्तित किया गया। 39 जीटीसी को युवा लड़कों को मजबूत, मानसिक रूप से चुस्त, सख्त और युद्ध में कठोर सैनिक के रूप में परिवर्तित करने में उत्कृष्टता प्राप्त है। ये सैनिक अब देश की सेवा के लिए सक्रिय क्षेत्रों में स्थित अपनी यूनिटों में शामिल होंगे। इस शानदार परेड में सेवारत सैनिकों, उनके परिवार और बच्चे भी हिस्सा बने। सभी जवानों की शानदार परेड देखी।

जनरल ऑफिसर ने आर-241 जीआर बैच के युवा दिलों को भारतीय सेना में अग्निवीरों के प्रवेश से पहले अन्तिम नियमित बैच के रूप में उल्लेख करते हुए प्रेरित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने प्रशिक्षण के महत्व का उल्लेख किया और युवा सैनिकों को अपनी वर्दी और देश पर गर्व करने के लिए प्रेरित किया। कसम परेड के बाद प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जवानों को सम्मानित किया गया। समारोह में गोरखा प्रशिक्षण केंद्र के अफसर, स्कूली बच्चे और एनसीसी कैडेट और अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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