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फतेहाबाद: बीपी मंडल की सभी सिफारिशों को लागू करे सरकार: अतर सिंह सैनी

बीपी मंडल की जयंती पर करनाल में होगा राज्य स्तरीय कार्यक्रम फतेहाबाद में पूर्व मंत्री ने ली पदाधिकारियों की बैठक  पूर्व मंत्री अत्तर सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस ओबीसी सैल के राष्ट्रीय चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव के निर्देशानुसार देशभर में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मंडल आयोग (अन्य पिछड़ा वर्ग) के निर्माता एवं अध्यक्ष बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई जाएगी। हरियाणा में 25 अगस्त को करनाल में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर के कार्यकर्ता भाग लेंगे। वे शुक्रवार को फतेहाबाद में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

अतर सिंह सैनी और कांग्रेस ओबीसी सैल के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष तेलूराम जांगड़ा ने आज फतेहाबाद में राज्य स्तरीय जयंती समारोह को लेकर कांग्रेस ओबीसी सैल के पदाधिकारियों की बैठक ली और उनकी ड्यूटियां भी निर्धारित की। उन्होंने पदाधिकारियों से आह्वान किया कि वे करनाल में होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में ज्यादा से ज्यादा संख्या में कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचे। कांग्रेस ओबीसी सैल के जिलाध्यक्ष एवं बार एसोसिएशन के प्रधान नरेश सोनी एडवोकेट व शहरी प्रधान मुकेश प्रजापत ने कांग्रेस नेताओं का फतेहाबाद पहुंचने पर स्वागत किया और कहा कि करनाल में होने वाले राज्य स्तरीय समारोह को लेकर फतेहाबाद के कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है और फतेहाबाद जिले से भारी संख्या में कार्यकर्ता इस समारोह में भाग लेंगे।

पूर्व मंत्री ने कहा कि बीपी मंडल ने सदैव पिछड़ा वर्ग के हित में काम किया। वे सदैव पिछड़ा वर्ग को उनके हक दिलवाने की लड़ाई लड़ते रहे। उनका जन्म 25 अगस्त 1918 को बनारस में हुआ था। इनके पिता भी स्वतंत्रता सेनानी थे। बीपी मंडल बिहार के मुख्यमंत्री के साथ-साथ लोकसभा सदस्य भी रहे। उन्होंने हमेशा पिछड़े वर्ग के लोगों के हितों लिए नीतियां बनाई। 1980 में इन्होंने पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए अनेक सिफारिशों दी थी। इनमें से कई सिफारिशों को तो सरकार ने लागू कर दिया लेकिन काफी सिफारिशों को अभी तक लागू नहीं किया गया है। जयंती समारोह के दौरान सरकार से मांग की जाएगी कि बीपी मंडल आयोग की सभी सिफारिशों को लागू किया जाए, अभी इन सिफारिशों को आधी अधूरी ही लागू की गई है। इसके अलावा क्रीमीलेयर की कैप को पूरी तरह हटाया जाए। प्रदेश में इसमें कृषि आय और नौकरीपेशा की आय जोड़ी गई है, जोकि अन्याय है। इसके अलावा जातीय जनगणना की भी मांग की जाएगी। जब तक जातीय जनगणना नहीं होगी, उन्हें उनके हक नहीं मिलेंगे।


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