रांची, 18 मार्च । झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण के 12वें दिन शनिवार को भी सदन की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। राज्य में बिजली की लचर बिजली व्यवस्था का मामला सदन में गरमाया। विधायक अनंत ओझा ने राज्य में लचर बिजली व्यवस्था पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग का बजट 4854 करोड़ होने के बावजूद राज्य के लोगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति नहीं हो रही है। आज भी आठ से 10 घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो रही है। राज्य में बिजली उत्पादन में गिरावट आई है जबकि उपभोक्ता छह लाख से बढ़कर 48 लाख हो गए हैं। बिजली की मांग 2500 मेगावाट है।
जवाब में मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य के सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 22 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के समय उपभोक्ताओं की संख्या छह लाख थी, जो बढ़कर 49 लाख हो गयी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य को लगभग 3100 मेगावाट बिजली का आवंटन है। सरकार 2024 तक निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए कृतसंकल्पित है।
प्रदीप यादव ने बिजली उपभोक्ताओं को गलत बिल भेजे जाने का मामला उठाया
विधायक प्रदीप यादव ने सदन में बिजली उपभोक्ताओं को गलत बिल भेजे जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि झारखंड बिजली वितरण निगम निदेशालय को हमेशा उपभोक्ताओं की शिकायत मिलती है कि ऊर्जा मित्र गलत बिलिंग करते हैं।
इसपर प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सरकार को शिकायत मिली है, यह बात सही है। बिलिंग के दौरान गलत डाटा एंट्री होने पर सॉफ्टवेयर से गलत बिल मिलने की शिकायत सामने आती है। इसपर त्वरित कार्रवाई करते हुए उपभोक्ता के बिल को सुधारा जाता है। अगर किसी भी ऊर्जा मित्र के खिलाफ अवैध वसूली की शिकायत पदाधिकारी को मिलती है तो तत्काल उस पर कार्रवाई की जाती है।
इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार यह स्वीकार कर रही है तो इसकी संख्या बताई जाए। इसके जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा कि अभी तक इसका आंकड़ा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मित्र सिर्फ मीटर की रीडिंग करते हैं। इस दौरान भाजपा के विधायकों के द्वारा हंगामा होता रहा और स्पीकर ने इस प्रश्न को पुट कर दिया।
दीपिका पांडे सिंह ने सोलर विद्युतीकरण को लेकर पूछे सवाल
कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने सदन में सोलर विद्युतीकरण को लेकर कहा कि राज्य के 100 से अधिक गांवों में मिनी, माइक्रो पावर प्लांट लगाने की योजना थी। ग्रामीण सड़कों और गलियों में स्ट्रीट लाइट के माध्यम से विद्युतीकरण करने की योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 200 करोड़ का बजट रखा गया था।
इस पर सरकार की ओर से जवाब आया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना को लागू करने के लिए 20 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था। विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि बजट 200 करोड़ रुपये का था तो फिर विभाग इसे 20 करोड़ क्यों बता रहा है। इस पर जवाब देते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा अलग-अलग कार्यों के लिए ज्रेडा को 200 करोड रुपये मिला था। 200 करोड़ में से माइक्रो ग्रिड के लिए सिर्फ 20 करोड़ ही आवंटित थे।