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गुरुग्राम: अपनी सभ्यता, संस्कृति, संस्कारों से जुड़ी रही युवा पीढ़ी: बोधराज सीकरी




-किसी भी कीमत पर अपनी संस्कृति से विमुख नहीं होना चाहिए

 हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष बोधराज सीकरी ने युवा पीढ़ी को संस्कारों की शिक्षा देते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर अपनी सभ्यता, संस्कृति, संस्कारों, तीज-त्योहारों, ग्रंथों से जुड़ा रहना चाहिए। विमुख नहीं होना चाहिए। हमारी सनातन संस्कृति सबसे बेहतर है। भक्ति भाव रखकर हमें अपने आपको धर्म-कर्म से जोड़कर रखना चाहिए। यह बात उन्होंने श्री सनातन धर्म मंदिर सेक्टर-56 में हनुमान चालीसा पाठ के आयोजन के दौरान कही।


उन्होंने कहा कि हमें अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए। जब हम धर्म की रक्षा करेंगे, तभी धर्म भी हमारी रक्षा करेगा। इस कहावत को कभी नहीं भूलना चाहिए कि धर्मो रक्षति रक्षित:। कार्यक्रम में बोधराज सीकरी ने उपस्थित सभी मातृ शक्ति और बंधुओं से प्रार्थना की कि जब मंदिर में आएं तो अपनी पोशाक व वेशभूषा का विशेष ध्यान दें। कई आज के युवा यह नहीं देखते कि हम किस मर्यादित स्थान पर जा रहे हैं। हमें मंदिर जाते समय वहां की मर्यादा और वहां की परिस्थितियों के अनुसार अपनी वेशभूषा डालनी चाहिए।


हनुमान चालीसा पाठ कार्यक्रम में 175 लोगों ने 22 बार श्री हनुमान चालीसा के पाठ का पठन किया। यहां के अलावा जामपुर शिव मंदिर, ईस्ट ऑफ कैलाश में 40 लोगों ने 5-5 बार पाठ किया। फ्लायर पार्क सुशान्त लोक फेज-1 में 20 लोगों ने 5-5 बार पाठ किया। अब तक हनुमान चालीस पाठ की कुल संख्या 2 लाख 32 हजार 965 पार कर गई। बोध राज सीकरी के अनुसार हनुमान चालीसा एक ऐसा विलक्षण ग्रंथ है, जिसमें प्रारंभ में और अंत में गुरु शब्द आता है। संत तुलसीदास हनुमान जी के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम राम के दर्शन करने थे। इसलिए उन्हें गुरु बनाना पड़ा। इस आयोजन में ओमप्रकाश कथूरिया डा. परमेश्वर अरोड़ा ने भी इसमें शिरकत की। सुरेंद्र कुमार खुल्लर, गजेंद्र गोंसाईं ने चालीसा का संगीतमयी पाठ किया।


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