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एचएएल और बीईएल ने दुनिया के शीर्ष 100 हथियार निर्माताओं में रैंकिंग सुधारी

नई दिल्ली, 06 दिसंबर (हि.स.)। स्वीडिश थिंक-टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) ने दुनिया की शीर्ष 100 हथियार उत्पादक कंपनियों की सूची जारी की है। इसमें 3.3 अरब डॉलर की हथियारों की बिक्री के साथ एचएएल 42वें और 1.8 अरब डॉलर की बिक्री के साथ बीईएल 63वें स्थान पर है। दुनिया की 100 सबसे बड़ी आयुध फर्मों की हथियारों और सैन्य सेवाओं की बिक्री 2021 में 592 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो वास्तविक रूप से 2020 की तुलना में 1.9% अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष 100 हथियार उत्पादक कंपनियों की सूची में दो भारतीय रक्षा सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (एचएएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) भी शामिल हैं। एचएएल 3.3 अरब डॉलर की हथियारों की बिक्री के साथ 42वें स्थान पर और बीईएल 1.8 अरब डॉलर के साथ 63वें स्थान पर है। दोनों भारतीय फर्मों को भारत के सशस्त्र बलों से मिले 1.4 मिलियन डॉलर के प्रमुख ऑर्डरों की वजह से सूची में यह स्थान मिला है। हालांकि, दोनों कंपनियों ने मिलकर पिछले साल 592 अरब डॉलर की वैश्विक हथियारों की बिक्री में महज 0.8% का योगदान दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स की हथियारों की बिक्री पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 20 प्रतिशत बढ़ी है। रक्षा मंत्रालय के स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम दोनों कंपनियों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। पिछले साल की रैंकिंग में एचएएल 43वें स्थान पर और बीईएल 69वें स्थान पर था। सीपरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि शीर्ष 100 में शामिल दो भारतीय कंपनियों की कुल हथियारों की बिक्री 2021 में 5.1 बिलियन डॉलर यानी लगभग 40,000 करोड़ रुपये थी। सीपरी की 2020 की सूची में भारतीय आयुध कारखानों का भी नाम था, लेकिन अक्टूबर, 2021 में इन्हें सात छोटी कंपनियों में पुनर्गठित करने से यह रैंकिंग से बाहर हो गए हैं। भारत सरकार ने 2020 में सौ से अधिक विभिन्न प्रकार के सैन्य उपकरणों के आयात पर चरणबद्ध प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, जिससे दुनिया की शीर्ष 100 हथियार उत्पादक कंपनियों की 2022 की सूची में भारत की रक्षा कंपनियों के नाम शामिल होने की उम्मीद है। भारत 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान पर जोर देकर स्वदेशी हथियारों के निर्माण पर फोकस कर रहा रहा है। इसी के तहत टैंक, मिसाइल, विमान, हेलीकॉप्टर, समुद्री जहाज, विध्वंसक भारत में ही तैयार किये जा रहे हैं। पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएसी विक्रांत बनाकर भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो चुका है, जिनके पास जहाज निर्माण की क्षमता है। सीपरी की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में अमेरिकी कंपनियों ने 299 अरब डॉलर और चीन ने 109 बिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री की है। कोरोना महामारी और वैश्विक व्यवधानों के बावजूद दुनिया की शीर्ष 100 हथियार उत्पादक कंपनियों ने 592 बिलियन डॉलर के हथियार बेचे हैं, जो वास्तविक रूप से 2020 की तुलना में 1.9% अधिक है। यह लगातार सातवां वर्ष है, जब वैश्विक रूप से हथियारों की बिक्री बढ़ी है। सीपरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक हथियार उद्योग के कई हिस्से 2021 में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में महामारी संबंधी व्यवधानों से प्रभावित रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि हथियार बेचने वाली शीर्ष 100 फर्मों में चीन की आठ कंपनियां हैं, जिनकी कुल हथियारों की बिक्री 109 अरब डॉलर है। अमेरिका 40 कंपनियों के साथ वैश्विक हथियारों की बिक्री सूची में हावी है। अमेरिका ने 2021 में 299 बिलियन डॉलर कीमत के हथियारों की बिक्री की है। 2018 के बाद से लगातार इस सूची में टॉप पर रहने वाली कंपनियों में पांच यूएस आधारित हैं। शीर्ष तीन में लॉकहीड मार्टिन ने 60 अरब डॉलर की हथियारों की बिक्री, रेथियॉन ने 42 अरब डॉलर और बोइंग ने 33 अरब डॉलर कीमत के हथियारों की बिक्री की है।
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