इंदौर, 8 दिसंबर (हि.स.)। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध की पुष्टि के लिए गठित ट्रिब्यूनल गुरुवार से दिल्ली में सुनवाई शुरू करेगा। इस दौरान मध्यप्रदेश पुलिस भी अपना पक्ष रखते हुए पीएफआई के खिलाफ सबूत पेश करेगी। इंदौर पुलिस की तरफ से एसीपी क्राइम राजेश हिंगणकर ने एफिडेविट प्रस्तुत किया है।
देश विरोधी गतिविधियों के चलते केंद्र सरकार ने 28 सितंबर को पीएफआई और उसके 8 सहयोगी संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। ट्रिब्यूनल ने 22 नवंबर को जाहिर सूचना प्रकाशित कर सरकार सहित पीएफआई को अपना पक्ष रखने को कहा था। सितंबर में एनआईए ने देशभर में कार्रवाई कर पीएफआई से जुड़े 170 लोगों को गिरफ्तार किया था। मध्यप्रदेश में भी एटीएस के साथ संयुक्त कार्रवाई में इंदौर, भोपाल, उज्जैन सहित 8 जिलों में संगठन से जुड़े 21 सदस्य गिरफ्तार किए गए थे। इंदौर, भोपाल और उज्जैन में पीएफआई और उससे जुड़े चार प्रतिबंधित संगठन मुख्य रूप से सक्रिय पाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश शर्मा को यूएपीए ट्रिब्यूनल का पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है। ये ट्रिब्यूनल ही पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों पर केंद्र की ओर से लगाये गए प्रतिबंध की समीक्षा करेगा।