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गर्मी बढ़ी, तापमान बढ़ते ही बढ़ा आगजनी का खतरा

धमतरी, 10 मार्च (हि.स.)। गर्मी के मौसम में तापमान काफी बढ़ जाता है। ऐसे में भीषण गर्मी शुरू होने के साथ जंगल में आगजनी का खतरा बना रहता है। इसे देखते हुए वन विभाग भीषण गर्मी शुरू होने से पहले ही जंगलों को आग से बचाने के लिए प्रकि्रया शुरू कर देते हैं। इन दिनों जंगल से लगे सड़क किनारों की सफाई की जा रही है, ताकि आगजनी की घटनाओं से जंगल को बचाया जा सके। मरादेव से गंगरेल मार्ग, भटगांव से गंगरेल, खिड़कीटोला, तुमराबहार, सोरम क्षेत्र समेत नगरी-सिहावा मार्ग में गर्मी शुरू होने से पहले ही पतझड़ के कारण सड़क किनारे व जंगल पत्तों से जुड़ा रहता है। राह चलने वाले लोग यदि सड़क किनारे बीड़ी व सिगरेट पीकर फेंकते हैं, तो जंगलों में आग लग जाता है, ऐसे में जंगलों को आगजनी से बचाने के लिए भीषण गर्मी शुरू होने से पहले ही इन दिनों मरादेव से गंगरेल रोड और नगरी-सिहावा समेत मगरलोड क्षेत्र में सड़क किनारे पेड़ों की कटाई-छंटाई के साथ पत्तों की सफाई की जा रही है, ताकि आगजनी की घटनाएं न हो। वहीं गर्मी शुरू होते ही वनांचल क्षेत्रों में फायरवाचर तैनात हो चुके हैं, जो जंगलों को आगजनी से बचाने के लिए रखवाली कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों वन विभाग द्वारा बोराई क्षेत्र में कार्यशाला आयोजित कर ग्रामीणों को जंगलों को आगजनी से बचाने कई महत्वपूर्ण जानकारी देकर जंगल बचाने प्रेरित किया गया।केरेगांव, कुकरेल समेत नगरी-सिहावा क्षेत्र के जंगलों में आगजनी की घटनाएं सामने आती है। अपै्रल व मई माह में अधिक गर्मी होने की वजह से जंगलों में आगजनी की घटनाएं कई बार सूखे बांस के वृक्षों से घर्षण की वजह से हो जाती है। वन विभाग की मानें, तो आगजनी पर निगरानी के लिए सेटेलाईट की भी सुविधा है, इससे वन विभाग को आगजनी होने की जानकारी समय पर मिल जाती है। इस साल अभी तक जंगलों में आगजनी की एक भी घटनाएं सामने नहीं आई है। इस संबंध में डीएफओ शमा फारूखी ने बताया कि जंगलों को आगजनी से बचाने व सुरक्षा के लिए विभाग की पहल शुरू हो गई है।
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