राजस्थान आशा सहयोगिनी चिकित्सा सेवा कर्मचारी संघ की ओर से सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव 2018 में अपनी चुनावी घोषणा पत्र में आशा सहयोगियों को नियमित करने की घोषणा की थी, लेकिन लगभग सात साल बाद भी आज भी इनको नियमित नहीं किया गया है।
ज्ञापन के जरिए आशा सहयोगिनियों ने मांग रखी कि मुख्यमंत्री 2018 में किए अपने चुनावी वादे को पूरा करें। प्रदेश की सभी आशा सहयोगिनियों को राज्य सरकार में नियमित कर्मचारी बनाया जाए। वर्तमान में हमें चार हजार रुपये मासिक दिए जा रहे हैं जो न्यूनतम मजदूरी की सीमा से कम है। इस राशि से घर के खर्चों को चलाना मुश्किल है, इसको भी बढ़ाया जाए। आंगनबाड़ी केन्द्र चलाने वाली कार्यकर्ताओं को रिटायरमेंट पर तीन लाख रुपये देने की अनुमति राज्य सरकार से मिली है लेकिन राज्य सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार अपना रहीं है। हमें भी नियमित कर रिटायरमेंट की अवस्था में सरकार सेवानिवृत्ति राशि का निर्धारण करें, साथ ही पेंशन भी दी जाए। केन्द्र सरकार द्वारा जारी सूची में हमारा नाम जोड़ा जाए। ज्ञापन में आशा सहयोगिनियों ने अपनी पीड़ा रखते हुए कहा कि हमारा कार्यक्षेत्र फील्ड का होता है जो कि बहुत मुश्किल कार्य है और हम अपने कार्य में कोई कोताही नहीं करते हैं बल्कि पूरी निष्ठा के साथ अपने कार्य को अंजाम देते हैं।