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हिमाचल में टली नहीं आपदा, दो दिन बाद के लिए यलो अलर्ट

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मंगलवार को दिन की शुरुआत खुशगवार मौसम से हुई है, लेकिन मौसम विभाग ने 1 व 2 सितंबर को मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में गरज के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

राज्य के मैदानी भागों में भी मंगलवार को धूप खिली है। अगले दो दिन यानी 30 व 31 अगस्त को राज्यभर में मौसम के साफ रहने की संभावना है। इसके बाद मौसम फिर करवट लेगा। पहली व दो सितंबर को मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में बारिश का येलो अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है। इस बीच मौसम खुलने से आपदा प्रभावित इलाकों में लोगों ने राहत की सांस ली है। इन क्षेत्रों में अस्त-व्यस्त जनजीवन को पटरी पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में अभी भी भूस्खलन से कई सड़कें बंद हैं। बीते 24 घण्टों के दौरान राज्य में भारी वर्षा में काफी कमी आई है। इस अवधि में ऊना में 5.4 और शिमला में 4.6 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार सुबह तक राज्य में एक नेशनल हाइवे समेत 211 सड़कें अवरुद्ध हैं। मंडी में 84, सोलन में 38, शिमला में 30, कुल्लू में 26, कांगड़ा में 14, हमीरपुर में 10, बिलासपुर व सिरमौर में तीन-तीन, किन्नौर में दो और चम्बा में एक सड़क अवरुद्ध है। कुल्लु जिला में बंजार-आनी नेशनल हाइवे-305 बाधित है।

इसके अलावा राज्य भर में 105 बिजली ट्रांसफार्मर औऱ 165 पेयजल स्कीमें भी ठप हैं। मंडी जिला में 565, शिमला में 35 और सोलन में आठ ट्रांसफार्मरों के बंद होने से लोगों को बिजली किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। मंडी जिला में 142 पेयजल स्कीमें ठप हैं। सोलन में 10, हमीरपुर में सात और शिमला में छह पेयजल स्कीमें प्रभावित हैं।

इस बार हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। पिदले 65 दिनों में बारिश से जुड़े हादसों में 381 लोगों की जान जा चुकी है और 38 लापता हैं। इसके अलावा 360 लोग घायल हुए हैं। भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से 143 लोग मारे गए हैं। जबकि अन्य वर्षा जनित हादसों में 238 लोगों की मौत हुई। मानसून सीजन में 2466 मकान, 312 दुकानें और 5517 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हुई हैं, जबकि 10648 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। बीते दो महीने में राज्य के 161 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 73 स्थानों पर बाढ़ आयी। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 8642 करोड़ का नुकसान आंका गया है।


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