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भारत को मानकों का अग्रणी होना चाहिए: पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 06 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत को मानकों का अग्रणी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सरकार अन्य उत्पादों को भी अनिवार्य गुणवत्ता मानकों के दायरे में लेकर आएगी। गोयल ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता पर समझौता नहीं किया जा सकता। पीयूष गोयल ने शनिवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के 77वें स्थापना दिवस को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि उत्पादों और सेवाओं में उच्च गुणवत्ता मानकों का अनुपालन करने से भारत को ऊंचा लक्ष्य पाने और एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद मिलेगी। गोयल ने कहा कि इस दिशा में बीआईएस को गुणवत्ता मानकों का दूत बनना चाहिए। इसे केवल मानकों को अपनाने वाला नहीं बनना चाहिए, बल्कि मानकों का अगुवा भी बनना चाहिए। पीयूष गोयल ने कहा कि मानकों को जहां भी संभव हो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुकूल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए लिफ्ट या एयर फिल्टर या चिकित्सा आइटम हो सकता है। उन्होंने कहा कि अभी तक 672 उत्पादों को दायरे में लाने वाले 156 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) जारी किए जा चुके हैं जबकि 2014 से पहले सिर्फ 106 उत्पादों को दायरे में लाने वाले 14 क्यूसीओ ही मौजूद थे। गोयल ने आभूषणों की हॉलमार्किंग में बीआईएस के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि अनिवार्य हॉलमार्किंग 343 जिलों को कवर करती है। उन्होंने कहा कि रोजाना 4.3 लाख से अधिक वस्तुओं को हॉलमार्क किया जाता है, लोग जो आभूषण खरीद रहे हैं उनमें से 90 फीसदी आभूषण हॉलमार्क वाले होते हैं। 'भारत में गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए संवाद' का आयोजन बीआईएस ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के साथ संयुक्त रूप से किया था।
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