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आधी रात को घुमा भगवान जगन्नाथ के रथ का चक्का, दीघा में पहली बार निकलेगी यात्रा

समुद्र किनारे बसे पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल दिघा में शुक्रवार को ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने जा रहा है। यहां स्थित नव-निर्मित जगन्नाथ मंदिर से पहली बार भव्य रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। रथयात्रा की तैयारी गुरुवार की आधी रात से ही शुरू हो गई थी और रात 11:30 बजे मंदिर परिसर के सात नंबर गेट से जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के सुसज्जित रथों की पहली झलक मिली।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद दो दिन पहले ही दिघा पहुंच चुकी हैं ताकि इस प्रथम रथयात्रा में भाग ले सकें। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी है कि शुक्रवार सुबह 9:30 बजे से विशेष पूजा-अर्चना के साथ इस रथयात्रा की शुरुआत होगी। पूजा संपन्न होने के बाद तीनों देवताओं की विधिवत स्थापना रथों पर की जाएगी।

मुख्यमंत्री के अनुसार, शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे रथ की रस्सी खींची जाएगी और इसी के साथ रथयात्रा का औपचारिक शुभारंभ होगा। पुरी की तर्ज पर आयोजित इस यात्रा को देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु दिघा पहुंचे हैं। रथ खींचने की व्यवस्था इस प्रकार की गई है कि आमजन भी इसमें भाग ले सकें। इसके लिए रथ कुछ स्थानों पर रोके जाएंगे, जहां रस्सियों को बैरिकेड के करीब लाया जाएगा ताकि लोग उन्हें छू सकें।

रथयात्रा को लेकर पूरे दिघा में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। रास्तों के दोनों ओर बैरिकेड लगाए गए हैं ताकि भीड़ नियंत्रित रहे और कोई अव्यवस्था न फैले। आयोजकों ने भरोसा दिलाया है कि श्रद्धालु सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण में रथयात्रा का आनंद उठा सकेंगे।

यह रथयात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समुद्र तटीय शहर दिघा को सांस्कृतिक रूप से भी एक नई पहचान दे रही है।

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