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मरू महोत्सव : जैसलमेर के गड़ीसर सरोवर से निकली शोभायात्रा

स्वर्ण नगरी के नाम से विख्यात जैसलमेर में मरू महोत्सव के तीन दिवसीय आयोजनों की शरुआत गुरुवार को भव्य शोभायात्रा के साथ हुई। चौबीस फरवरी तक चलने वाले महोत्सव में सांस्कृतिक और संगीत के कार्यक्रमों की धूम रहेगी। शहर के सोनार दुर्ग स्थित नगर आराध्य भगवान लक्ष्मीनाथ जी के मंदिर में सुबह आरती के साथ महोत्सव की शुरूआत हुई। इस दौरान जिला कलेक्टर प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय जनता का उत्साह देखने लायक था।जैसलमेर में गुरुवार से आयोज्य होने वाले मरू महोत्सव 2024 के कार्यक्रमों की शुरूआत सुबह सोनार दुर्ग स्थित नगर आराध्य भगवान लक्ष्मीनाथजी के मंदिर में आरती के साथ हुई। बाद में गड़ीसर झील से शोभायात्रा सोनार दुर्ग व शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए पूनमसिंह स्टेडियम तक पहुंची। स्टेडियम में महोत्सव का विधिवत आगाज किया गया। जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होने के बाद दोपहर से विदेशी पर्यटकों एवं भारतीयों के लिए साफा बांधो प्रतियोगिता, मूमल महेन्द्रा, मूंछ प्रतियोगिता, मिस मूमल, मिसेज डेजर्ट और मिस्टर डेजर्ट प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। सुरमई सांझ पूनमसिंह स्टेडियम मेंआइकन्स ऑफ जैसलमेर के सम्मान के तहत पद्मश्री अनवर खान बईया और पेपे खान को सम्मानित किया जाएगा। तत्पश्चात संस ऑफ द सोइल्स कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें पदमश्री अनवर खान बईया, पेपे खान व मेरे राम आएंगे फेम स्वाति मिश्रा प्रस्तुतियां देंगे। स्थानीय बॉलीवुड सेलिब्रिटी बैंड की ओर से भी प्रस्तुति दी जाएगी। मरु महोत्सव के अन्तर्गत गुरुवार को गड़ीसर सरोवर से पूनमसिंह स्टेडियम तक निकली मनोहारी शोभायात्रा ने जैसलमेर के बाशिन्दों से लेकर देशी-विदेशी पर्यटकों को मरु लोक संस्कृति से रूबरू कराया। मुख्य बाजार से होती हुई निकली शोभायात्रा का नगर वासियों ने अपने घरों की छतों पर बैठ कर पुष्प वर्षा कर हार्दिक स्वागत किया एवं महोत्सव को उत्सव के रूप में लिया। शोभायात्रा की झलक पाने मार्ग के दोनों तरफ तथा भवनों की छतों पर सैलाब उमड़ पड़ा। बीएसएफ के सजे-धजे ऊंट व इन पर सवार बीएसएफ के जांबाज, केमल माउण्टेन बैंड वादकों का समूह, मंगलकलश लिए बालिकाएं, लोक कलाकारों का कारवां दुर्ग से निकल कर मुख्य मार्ग से होता हुआ शहीद पूनमसिंह स्टेडियम पहुंच कर शानदार समारोह में परिवर्तित हुआ। शोभायात्रा का सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र सीमा सुरक्षा बल के उपसमादेष्टा मनोहर सिंह शेखावत के नेतृत्व में शाही पोषाक में अपने हाथों में भाले लिए हुए बांके जवान, सजे-धजे ऊँटों पर सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र रहे एवं देशी-विदेशी सैलानियों ने इस दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया। शोभायात्रा में श्रृंगारित ऊंटों पर सवार रौबीले मरु श्री एवं इस प्रतियोगिता के प्रतिभागी, मिस ऊंटों एवं ऊंट गाड़ों पर सवार पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित मिस मूमल एवं महेन्दा के प्रतियोगी और विभिन्न झांकियां आकर्षण का केन्द्र रहीं। लोक कलाकारों के कई जत्थों ने रास्ते भर लोक नृत्यों और लोक वाद्यों से लय-ताल की धूम मचाते हुए मरु संस्कृति और राजस्थानी परंपराओं का दिग्दर्शन कराया। इस बार विदेशी पर्यटकों की अच्छी भागीदारी रही। शोभायात्रा में विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए एवं शोभायात्रा के सभी मनोहारी दृश्यों को अपनी चिरस्थायी याद के लिए कैमरो में कैद किया।
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