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चीन के साथ त्रिपक्षीय संचार प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत हुए जापान और दक्षिण कोरिया

टोक्यो, 18 मार्च। वैश्विक पटल पर चीन को लेकर घमासान थम नहीं रहा है। उत्तर कोरिया का मुकाबला कर रहे जापान और दक्षिण कोरिया शिखर वार्ता कर आपसी विवाद हल करने और चीन के साथ त्रिपक्षीय संचार प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। इस बीच नौकाओं का पीछा कर जापानी सीमा क्षेत्र में चीनी जहाजों के घुसने से तनाव भी बढ़ा है। वहीं, चीन ने एक बार फिर दोहराया है कि ताइवान की आजादी के लिए कोई जगह नहीं है। उत्तर कोरिया से लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल की जापान यात्रा दोनों देशों के बीच रिश्तों की दृष्टि से सकारात्मक मानी जा रही है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ हुई शिखर वार्ता में दोनों देशों के बीच नियमित यात्राओं को दोबारा शुरू करने और व्यापार विवाद को हल करने के लिए कदम उठाने पर सहमित बनी है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने दो देशों की सुरक्षा और आर्थिक रिश्तों को पुनर्निर्माण के लिए इसे एक बड़ा कदम बताया, क्योंकि दोनों देशों में लंबे समय से शत्रुता रही है और वे इससे उबरने में जुटे हैं। बैठक में दोनों देशों के संबंधों को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न आयामों पर बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने अपने सुरक्षा संबंधों का नवीनीकरण किया। यून और किशिदा ने कहा कि दोनों देश चीन के साथ त्रिपक्षीय संचार प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने पर सहमत हुए हैं। चीन को लेकर जापान और दक्षिण कोरिया के बीच सहमति को लेकर जापान ने दावा किया कि पूर्वी चीन सागर में मछली पकड़ने वाली दो जापानी नौकाओं का पीछा करते हुए दो चीनी जहाजों ने सेनकाकू द्वीप के पास जापानी समुद्र में प्रवेश किया है। चीनी जहाजों ने कथित तौर पर शुक्रवार को ताइशो द्वीप के प्रादेशिक जल में प्रवेश किया। इसे लेकर दोनों देशों के बीच एक बार फिर तनाव गहरा गया है। तट रक्षक अधिकारियों ने कहा कि जहाज, दो अन्य चीनी जहाजों के साथ, पहले जापान के क्षेत्रीय जल के बाहरी क्षेत्र में मंडरा रहे थे। यही चीनी जहाज गुरुवार को जापानी जल क्षेत्र में भी घुसे थे। तीन चीनी जहाजों ने गुरुवार को ऊत्सुरी द्वीप क्षेत्र के प्रादेशिक जल में प्रवेश किया। दरअसल उत्तर कोरिया के मामले में जापान व दक्षिण कोरिया को अमेरिका का साथ मिल रहा है, वहीं ताइवान के बीच चीनी-अमेरिकी तनातनी भी जारी है। चीन ने एक बार फिर ताइवान की आजादी को खारिज किया है। चीन के रक्षा प्रवक्ता तान केफेई ने साफ कहा है कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ताइवान की स्वतंत्रता और अलगाववादी गतिविधियों के लिए किसी भी तरह की कोई जगह नहीं छोड़ेगी। चीनी सेना अपने देश की राष्ट्रीय संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेगी। केफेई ने अमेरिका द्वारा हाल ही में ताइवान स्ट्रेट में तनाव बढ़ाने वाली गतिविधियों को लेकर यह टिप्पणी की। बता दें कि ताइवान क्षेत्र पर चीन अपना इलाका होने का दावा करता रहा है।
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