भोपाल, 20 अक्टूबर (हि.स.)। कांग्रेस ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उन विधायकों के लिए खास रणनीति तैयार की है, जिनके कारण सत्ता गंवानी पड़ी थी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसके लिए खास रणनीति बनाई है। कमलनाथ इसकी शुरुआत गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के गढ़ कहे जाने वाले बड़ामलहरा से करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ गुरुवार को बड़ामलहरा का दौरा करेंगे। वे यहां मंड़लम्-सेक्टर और बूथ कमेटियों की बैठक लेंगे। इसके बाद एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। बड़ामलहरा उमा भारती का गढ़ माना जाता है। 2003 में जब बीजेपी की 10 साल बाद सरकार बनी थी, तब उमा भारती बड़ामलहरा से ही विधायक बनीं थीं। यहीं से उमा के बड़े भाई स्वामी लोधी भी विधायक रह चुके हैं। उमा की कट्टर समर्थक रेखा यादव भी 2008 में उमा की पार्टी भारतीय जनशक्ति पार्टी से विधायक बनीं थीं। लोधी समाज बहुल बड़ामलहरा विधानसभा से साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर प्रद्युम्न सिंह लोधी चुनाव जीते थे हालांकि वे मप्र में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे। आज यहीं से कमलनाथ कांग्रेस का साथ छोड़ने वाले विधायकों को अगले चुनाव में पटखनी देने के अपने अभियान का शंखनाद करेंगे।
कांग्रेस नेताओं की मानें, तो जिन विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा, उनमें से अधिकांश विधानसभाएं ऐसी हैं, जहां लंबे समय बाद कांग्रेस को जीत मिली थी। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इन विधानसभाओं में वोटर्स कांग्रेस के पक्ष में है। लिहाजा, इन सीटों को लेकर अलग से रणनीति बनाई जा रही है।