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पुणे में आयोजित होगा `वितस्ता: द फेस्टिवल ऑफ कश्मीर' का दूसरा संस्करण

नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.)। आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी में महाराष्ट्र के पुणे में `वितस्ता: द फेस्टिवल ऑफ कश्मीर' के दूसरे संस्करण का आयोजन किया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय द्वारा इस वर्ष 31 मार्च से लेकर 2 अप्रैल के बीच आयोजित होने वाले फेस्टिवल में एमआईटी, विश्व शांति विश्वविद्यालय और पुणे विश्वविद्यालय की विशेष साझेदारी होगी। इस पहल का उद्देश्य पूरे देश को कश्मीर की विराट सांस्कृतिक विरासत, विविधता और विशिष्टता से परिचित कराना है, विशेष रूप से वैसे देशवासियों को जिन्हें अभी तक इस पावन धरा की यात्रा करने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ है। इस कार्यक्रम में संगीत कला, नृत्य कला, हस्तशिल्प कला जैसे विविध क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों द्वारा कई प्रकार की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। जिसमें कश्मीर की कोरियोग्राफ्ड लोकनृत्य प्रस्तुतियां, कश्मीर के पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ संगीत प्रस्तुतियां, कश्मीर के अनूठी लोक नाट्य ‘भांड पाथेर’ की प्रस्तुति, प्रसिद्ध संतूर वादक व संगीतकार पंडित अभय रुस्तम सोपोरी द्वारा संगीत प्रस्तुति, कश्मीरी सूफ़ी बैंड ‘सूफ़िस्टिकेशन’ की संस्थापिका आभा हंजूरा द्वारा संगीत प्रस्तुति, कश्मीरी व्यंजन मेला, कश्मीरी हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी, पश्मीना ऊन बुनाई कला, पेपीयर मैशे और काष्ठ कला के विषय में कार्यशाला आयोजन, साहित्य अकादमी से संबंधित प्रख्यात विद्वानों द्वारा कश्मीर और वितस्ता नदी के अलावा महाराष्ट्र और गोदावरी नदी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर सेमिनार आयोजन, ललित कला अकादमी द्वारा कश्मीर और महाराष्ट्र के एक साथ काम कर रहे कलाकारों के लिए कला शिविर, छात्रों के लिए कला प्रतियोगिता, कलाक्षेत्र के छात्रों द्वारा शारदा स्तोत्रम प्रस्तुति जैसे कई कार्यक्रम शामिल हैं। यह महोत्सव वितास्ता नदी से जुड़ी लोक मान्यताओं के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जिसे वैदिक काल से ही बेहद पवित्र माना जाता है। इस नदी का उल्लेख नीलमत पुराण, वितस्ता महामाया, हरचरिता चिंतामणि, राजतरंगिणी जैसे कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस पूजनीय नदी की निर्मल धाराएं, मानव स्वभाव के सभी अपकृत्यों का नाश कर देती हैं। अब जबकि संस्कृति मंत्रालय द्वारा कई महान विशेषताओं को समेटती वितस्ता नदी की समृद्धि और विरासत का जश्न मनाने के लिए भव्य और व्यापक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, तो इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के `एक भारत, श्रेष्ठ भारत के संकल्प' को भी नया आयाम मिलेगा।
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