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पूर्वांचल को जोड़ने वाले शास्त्री पुल पर जल्द फर्राटा भरेंगे बड़े वाहन

- शास्त्री पुल की मरम्मत कार्य शुरू, टेस्टिंग के लिए ढांचा तैयार

- 18 जुलाई को शास्त्री पुल की होगी लोड टेस्टिंग

- तीन माह के अंदर पूरा होगा शास्त्री पुल के मरम्मत का कार्य  पूर्वांचल को जोड़ने वाले शास्त्री पुल पर अब जल्द ही बड़े वाहन फर्राटा भरेंगे। तकनीकी खराबी आने के कारण शास्त्री पुल से बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दिया गया था। अब मीरजापुर-औराई मार्ग के गंगा नदी पर बने शास्त्री पुल के मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है। साथ ही पुल के टेस्टिंग के लिए स्ट्रैक्चर (ढांचा) का कार्य पूरा हो गया है।

शास्त्री पुल में तकनीकी खराबी आने के कारण इस पर से भारी वाहनों के आवागमन पर लगभग एक वर्ष पूर्व पांबदी लगा दी गई है, तभी से यह बंद चल रहा है। इससे भारी वाहनों को आने-जाने में लगभग 100 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। इसके दृष्टिगत सेतु निगम की ओर से पुल मरम्मत के लिए लगभग आठ करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था, जिस पर सरकार ने मंजूरी प्रदान की और सात करोड़ 48 लाख रुपये जारी करने का आश्वासन भी दिया। भारी वाहनों के मालिकों एवं राजनीतिक दबाव के कारण शास्त्री पुल की मरम्मत के लिए बराबर मांग होती रही है। पुल के मरम्मत का काम आर एंड एम इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड मुंबई को सौंपा गया है।

शास्त्री पुल की मरम्मत करने आए साइट सुपरवाइजर राजू राय व पंकज यादव ने बताया कि शास्त्री पुल के गार्डर में कार्बन फाइबर लगेगा और टेस्टिंग के बाद आवश्यकता पड़ी तो उसमें माइक्रो कंकरीट डालकर ठीक करना पड़ेगा। सबकुछ ठीक रहा तो तीन माह के अंदर शास्त्री पुल की मरम्मत का कार्य पूरा हो जाएगा।

पुल के टेस्टिंग सुपरवाइजर विजयकांत यादव ने बताया कि टेस्टिंग के लिए स्ट्रैक्चर तैयार कर लिया गया है। संभवतः 18 जुलाई को मुंबई से लोड टेस्ट करने की मशीन आ जाएगी। सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक डा. आरएस उपाध्याय ने बताया कि शास्त्री पुल पर मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है। तीन माह के अंदर मरम्मत कार्य पूरा कर बड़े वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।

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