काठमांडू, 9 सितंबर (हि.स.)। नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद सोमवार को नौजवानों के जेन-ज़ी आंदोलन के हिंसक प्रदर्शन और देश के प्रधानमंत्री खडग प्रसाद शर्मा ओली के इस्तीफा देकर काठमांडू छोड़ कर जाने के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, नेपाली सेना और देश के शीर्ष प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील की है।
राष्ट्रपति श्री पौडेल ने एक लिखित अपील में कहा, "मैं प्रदर्शनकारी नागरिकों समेत सभी से देश की कठिन परिस्थिति के शांतिपूर्ण समाधान में सहयोग करने का आग्रह करता हूँ। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफ़ा स्वीकार होने के बाद, मुझे विश्वास है कि सभी पक्ष देश, जनता और लोकतंत्र के प्रति प्रेम के कारण वर्तमान कठिन परिस्थिति को सुलझाने में सहयोग करेंगे। चूँकि लोकतंत्र में नागरिकों द्वारा उठाई गई माँगों का समाधान बातचीत और संवाद के ज़रिए, जिसमें जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी शामिल है, किया जा सकता है, इसलिए मैं सभी पक्षों से संयम बरतने, देश की स्थिति को और बदतर न होने देने और बातचीत के लिए आगे आने की अपील करता हूँ।"
नेपाली सेना ने भी एक बयान में कहा कि नेपाली सेना का अनुरोध नेपाली सेना कठिन परिस्थितियों में भी नेपाल की स्वतंत्रता, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, स्वाधीनता, राष्ट्रीय एकता और नेपाली जनता के जान-माल की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है। नेपाली सेना वर्तमान में नेपाल में चल रहे 'जेन जी आंदोलन' के घटनाक्रम का विश्लेषण कर रही है। आंदोलन के दौरान हुई जान-माल की अपूरणीय क्षति पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए, दिवंगत आत्मा की शांति की कामना के साथ नेपाली सेना शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करती है। साथ ही, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी करती है। नेपाल और नेपाली जनता के कल्याण और सुरक्षा के लिए सदैव समर्पित नेपाली सेना, वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए, नेपाल और नेपाली जनता के जान-माल की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इस कठिन परिस्थिति में, देश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, पुरातात्विक और राष्ट्रीय संपत्तियों की रक्षा करना हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। अतः, नेपाली सेना सभी युवा जनशक्ति और देशवासियों से अनुरोध करती है कि वे सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता बनाए रखते हुए संयम बरतें ताकि वर्तमान स्थिति और अधिक जटिल न हो।
नेपाल सरकार के मुख्य सचिव एक नारायण आर्यल, नेपाली सेना के सेनाध्यक्ष अशोक राज सिगदेल, नेपाल सरकार के गृह सचिव गोकर्णमणि दुबारी, नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल के महानिरीक्षक राजू आर्यल, नेपाल पुलिस के महानिरीक्षक चंद्र कुबेर खापुंग, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के मुख्य जाँच निदेशक हुतराज थापा ने भी एक संयुक्त बयान में कहा कि कल से, काठमांडू में देश के विभिन्न हिस्सों में हुए प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोगों की जान जा चुकी है। हम उन लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है और प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। चूँकि माननीय प्रधानमंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, हम देश के सभी नागरिकों से इस गंभीर स्थिति में जान-माल के और नुकसान को रोकने के लिए संयम बरतने की अपील करते हैं। हम संबंधित अधिकारियों से यथासंभव राजनीतिक दलों के माध्यम से इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालने का अनुरोध करते हैं।
इससे पहले दो दिन से जारी जबरदस्त हिंसा में अब तक 20 लाेगाें के मारे जाने और 300 से अधिक लाेगाें के घायल हाेने की खबर है। आंदोलनकारियों द्वारा देश की संसद, प्रधानमंत्री के आवास, सिंह दरबार सचिवालय आदि भवनाें में आगज़नी और तोड़फोड़ की घटनाएं टीवी चैनलों पर दुनिया भर में देखीं गयीं। हिसंक "जेन जी" आंदाेलन में पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल के निवास पर आगजनी में उनकी पत्नी की झुलसने के कारण हुयी माैत ने दुनिया को झकझोर दिया। इससे पहले प्रधानमंत्री ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वह अपने निवास से ही सेना के हेलीकाॅप्टर में सवार हाेकर अग्यात स्थान पर चले गये।
देश में साेशल मीडिया से प्रतिबंध लगाये जाने के बाद भड़के हिसंक छात्र आंदाेलन में नेपाल के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों एवं उनके घरों एवं परिजनों पर भी हमले किये गये काठमांडू में डालू स्थित पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल के निवास काे आग के हवाले कर दिया जिसमे उनकी पत्नी राबी लक्ष्मी चित्रकार की झुलसने के कारण माैत हाे गयी। पूर्व प्रधानमंत्री एवं नेपाली कांग्रेस के नेता शेरबहादुर देउबा के घर को भी आग लगा दी गयी और उन्हें एवं उनकी पत्नी आरज़ूराणा देउबा को लहूलुहान देखा गया।
देश में चार सितबंर काे ओली सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम व्हाटसैप और एक्स समेत देश के 26 प्रमुख साेशल मीडिया मंचाे पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया था कि ये सभी स्थानीय रूप से पंजीकृत नहीं थे। हालांकि प्रदर्शनकारियाें ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार देते हुए काठमांडू और अन्य शहराें में इसके खिलाफ प्रदर्शन किये । साेमवार काे ये प्रर्दशन उस समय उग्र हाे गये जब हजाराें की संख्या में युवा संसद भवन के आसपास जमा हाे उसका घेराव करने का प्रयास किया। इस दाैरान पुलिस ने आंसू गैस और रबर की गाेलियाें का इस्तेमाल किया। बाद में पुलिस की गाेलीबारी में कम से कम 20 छात्राें के मारे जाने और 300 से ज्यादा लाेगाें के घायल हाेने की खबर है जिनक विभिन्न अस्पतालाें में इलाज चल रहा है।
इस बीच साेशल मीडिया से प्रतिबंध हटाने काठमांडू और उससे लगे बख्तापुर जिले बीरगंज भैरहवा बुटवल पाेखरा इताहारी और दमाक में अनिश्चितकाल के लिये कर्फ्यू लगा हुआ है। भारत और अमेरिका समेत विश्व के अनेक देशाे के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ् भी नेपाल की स्थिति पर चिंता जताई है।