जम्मू, 12 मई (हि.स.)। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पश्चात भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गई जवाबी कार्रवाई के फलस्वरूप बॉर्डर क्षेत्रों में युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई जिसमें मिसाइल और ड्रोन से हमले किए गए। इन हमलों के चलते सीमावर्ती क्षेत्रों में भारी शैलिंग हुई जिससे कई नागरिक घायल हो गए।
मूवमेंट कल्कि की टीम आज गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज जम्मू पहुँची जहाँ उन्होंने पाकिस्तानी फायरिंग में घायल हुए लोगों का हाल-चाल जाना। टीम ने अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष गुप्ता और सुपरिटेंडेंट से भेंट कर उपचार की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। टीम ने अस्पताल में भर्ती पीड़ितों से मुलाकात की और उनका मनोबल बढ़ाया।
पीड़ितों ने बताया कि किस प्रकार उनके घरों में अचानक हुए धमाके से वे भयभीत हो गए। एक परिवार की कहानी साझा करते हुए बताया गया कि उनके घर के भीतर एक गोला फटने से पाँचों सदस्य घायल हो गए हालांकि ईश्वर की कृपा से किसी की मृत्यु नहीं हुई। एक 14 वर्षीय बच्ची जो सातवीं कक्षा की छात्रा है को छर्रा आंख के पास लगा जिससे टांके लगे लेकिन वह अब स्वस्थ है।
मूवमेंट कल्कि की टीम ने आश्वासन दिया कि यदि पीड़ितों को किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होगी तो संगठन उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा। टीम ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि घायल नागरिकों को समय पर उपचार, भोजन एवं आवश्यक सहायता मिल रही है। मूवमेंट कल्कि ने यह भी कहा कि सीमावर्ती नागरिकों की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को पाकिस्तान के प्रति और सख्त रवैया अपनाना चाहिए था। कई नागरिकों ने यह भी विचार व्यक्त किया कि सीज़फायर का निर्णय जनभावनाओं के विपरीत था और पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया जाना चाहिए।