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माता अंबे को अर्पित होगा लेह के सफेद याक की पूंछ की चामर

अहमदाबाद, 10 फरवरी (हि.स.)। गब्बर परिक्रमा महोत्सव में अहमदाबाद का जय भोले ग्रुप बनासकांठा जिले की दांता तहसील में स्थित आरासुरी अंबे माता को पवित्रता का प्रतीक समान चामर अर्पण करेगा। 12 फरवरी को श्री 51 शक्तिपीठ महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर पवित्र चामर माता अंबे को अर्पण किया जाएगा, जिसके बाद 51 शक्तिपीठों पर चामर यात्रा भी आयोजित की जाएगी। शिवमहापुराण के अनुसार माता सती अपने पिता दक्ष प्रजापति के आयोजित यज्ञ में भाग लेने जा रही थी, तब भगवान शिव ने उन्हें विशेष सम्मान और उत्कृष्ट लौकिक पवित्रता का प्रतीक स्वरूप चामर अर्पण किया था। हालांकि माता अंबा के गर्भगृह में प्राचीन चामर पहले से उपलब्ध है। चामर के लिए अहमदाबाद के जय भोले ग्रुप ने याक रिसर्च सेंटर से सम्पर्क किया। सेंटर के अनुसार हिमायलन क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश और लेह लद्दाख के चीन सीमा के समीप करीब 45 हजार याक हैं। इसमें महज 8 ही सफेद याक (गाय समान) हैं। सफेद याक में से भी जो नर और मादा दोनों नहीं हैं, ऐसे याक (गाय) के पूंछ की बाल से चामर माताजी को अर्पित किया जाएगा। ऐसे सिर्फ दो ही याक इस क्षेत्र में उपलब्ध हैं। अहमदाबाद से लेह सफेद याक की खोज में निकले जय भोले ग्रुप के सदस्यों को याक रिसर्च सेंटर और बौद्ध गुरु ने मदद की। सदस्यों ने रिसर्च सेंटर से जानकारी लेकर बौद्ध गुरु का साथ लिया, फिर करीब 200 किलोमीटर दूर सोमोरीरी से आगे एक जगह पहुंचे। पहाड़ी क्षेत्र में यह याक नजर आया तो सदस्यों ने बौद्ध गुरु से मदद मांगी। बौद्ध गुरु ने पशुपालक को समझाया, जिसके बाद वह याक की पूंछ के बाल देने को राजी हुआ। अग्निपुराण के अनुसार 8, 16, 32 गांठ लगाकर आकर्षक और पवित्रता युक्त चामर अहमदाबाद में बनाया गया है। 51 शक्तिपीठ में पहली बार आयोजित होने वाली चामर यात्रा में श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन की ओर से भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। जय भोले ग्रुप के सहयोग से मंथन अपंग कन्या सेवा संकुल हाजीपुर, कलोल की प्रज्ञाचक्षु और मानसिक शारीरिक दिव्यांग कन्याओं की ओर से माताजी की आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया जाएगा।
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