लखनऊ के चारों ओर मुख्य मार्गों पर हो चुके गड्ढों के कारण प्रतिदिन यात्रा करने वाले मुसाफिरों के साथ स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है। एक घंटे की यात्रा के स्थान पर दो से तीन घंटे का वक्त लगता है। लखनऊ से जुड़ने वाले उन्नाव, कानपुर, हरदोई मुख्य मार्गों का हाल तो सबसे ज्यादा बेहाल हैं।
लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से कानपुर मार्ग पर मात्र 15 किलोमीटर आगे बढ़ने पर ही सड़क के गड्ढे सामने दिखने लगते हैं। इसके कारण बस, चार पहिया वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ जाती है। प्रतिदिन कानपुर से लखनऊ आने और जाने वाले यात्रियों, लोगों की संख्या हजारों में है। ऐसे में सड़क मार्ग दुरुस्त न होने कारण यात्रियों को कानपुर से लखनऊ आने में तीन घंटे तक लग जाते हैं। हरदोई से लखनऊ आने वाली सड़क पर प्रतिदिन फल, सब्जियां भरे वाहन आते हैं और हजारों की संख्या में लोगों का भी अपने वाहनों से आवागमन होता है। हरदोई मार्ग पर पर्याप्त गड्ढे हैं और उसमें जलभराव होने से वाहनों को रुकना पड़ता ह। धीरे-धीरे ही वाहन आगे बढ़ पाते हैं। मुख्य मार्ग पर जाम की स्थिति भी उत्पन्न होती है।
लखनऊ के मोहान मार्ग का उपयोग उन्नाव के हसनगंज, बांगरमऊ, सफीपुर और उन्नाव नगर आने जाने के लिए होता रहा है। वर्षा के मौसम में मोहन मार्ग की स्थित बेहद खराब हो गयी है। मोहान मार्ग निवासी शिवपाल, गोपाल कहते हैं कि सड़क पर बरसात का पानी इकट्ठा हो रहा है। गड्ढे में पानी है तो सड़क पर गड्ढ़े ही गड्ढे हैं। इस मार्ग की चौड़ाई कम है, इस कारण वाहनों के टकराने, दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है।
लोक निर्माण विभाग के सड़क मरम्मत के मात्र दावे
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की मानें तो वर्षा के मौसम के बाद ही सड़कें बनती है। जहां मुख्य मार्ग पर बड़े गड्ढे हुआ करते थे, उन्हें पिच कराया गया है। अभी कहीं पर भी बड़े आकार के गड्ढे नहीं हैं।
रक्षामंत्री को पत्र लिख कर दी जानकारी
जानकीपुरम विस्तार निवासी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने तो शहर को जोड़ने वाली सड़कों और जानकीपुरम विस्तार की सड़कों की ओर लोक निर्माण विभाग का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद बात नहीं बनी तो प्रदीप कुमार ने लखनऊ के सांसद और देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख कर सड़कों के हालात की जानकारी दी है।