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'मन की बात' में बोले प्रधानमंत्री- 2022 कई मायनों में प्रेरक और अद्भुत

नई दिल्ली, 25 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अतीत के अवलोकन को वर्तमान और भविष्य की तैयारियों के लिए प्रेरणा बताते हुए रविवार को साल के अंतिम 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि वर्ष 2022 वाकई कई मायनों में प्रेरक और अद्भुत रहा। प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की 96वीं कड़ी में 2022 की उपलब्धियों के साथ 2023 के लक्ष्य पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस साल भारत ने अपनी आजादी के 75 साल पूरे किए और इसी साल अमृतकाल शुरू हुआ। भारत ने तेजी से प्रगति की और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। उन्होंने कहा- '2022 यानी भारत द्वारा दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का मुकाम हासिल करना। 2022 यानी भारत द्वारा 220 करोड़ वैक्सीन का अविश्वसनीय आंकड़ा पार करने का रिकॉर्ड। 2022 यानी भारत द्वारा निर्यात का 400 अरब डॉलर का जादुई आंकड़ा पार कर जाना।' प्रधानमंत्री ने कहा- 'इस साल देश ने नई रफ्तार पकड़ी। सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर काम किया। 2022 की विभिन्न सफलताओं ने आज पूरे विश्व में भारत के लिए एक विशेष स्थान बनाया है।' मोदी ने कहा कि 2022 यानी देश के जन-जन द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प को अपनाना और जी कर दिखाना । 2022 यानी भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का स्वागत। 2022 यानी अंतरिक्ष, ड्रोन और रक्षा क्षेत्र में भारत का परचम। 2022 यानी हर क्षेत्र में भारत का दमखम। उन्होंने कहा कि 2022 एक और कारण से हमेशा याद किया जाएगा। यह है- 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना का विस्तार। देश के लोगों ने एकता और एकजुटता को सेलिब्रेट करने के लिए भी कई अद्भुत आयोजन किए। वह चाहे गुजरात का माधवपुर मेला हो या काशी-तमिल संगमम् । इस मेले में रुक्मिणी विवाह और भगवान कृष्ण के पूर्वोत्तर से संबंधों को सेलिब्रेट किया जाता है। काशी-तमिल संगमम् में एकता के कई रंग दिखे। उन्होंने कहा कि 2022 में देशवासियों ने एक और अमर इतिहास लिखा है। अगस्त के महीने में चला 'हर घर तिरंगा' अभियान भला कौन भूल सकता है। वो पल थे जब हर देशवासी के रौंगटे खड़े हो गए। आजादी के 75 वर्ष के इस अभियान में पूरा देश तिरंगामय हो गया। 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तो तिरंगे के साथ सेल्फी भी भेजी। आजादी का ये अमृत महोत्सव अभी अगले साल भी ऐसे ही चलेगा। यह अमृतकाल की नींव को और मजबूत करेगा।
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