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चीन में फैल रहे रहस्यमयी वायरस से निपटने के लिए राजस्थान में चिकित्सा संस्थान अलर्ट मोड पर

 चीन में फैली फेफड़े फुलाने वाली रहस्यमयी बीमारी को लेकर राजस्थान में भी स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर है। विश्व में कोरोना वायरस के बाद एक बार फिर चीन से ही एक और रहस्यमयी वायरस नई चुनौती के रूप में सामने आया है। चीन में बच्चों में फैल रही इस रहस्यमयी बीमारी से मुकाबला करने के लिए राजस्थान का चिकित्सा महकमा भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है। इसको लेकर पूरे राजस्थान में अलर्ट जारी किया गया है। इसी के तहत बुधवार को प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में इस बीमारी से निपटने के लिए एक मॉक ड्रिल की गई। इसमें इस बीमारी को लेकर चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों को मापदंडों पर परखा गया।

मॉक ड्रिल के तहत चिकित्सा अधिकारियों ने अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाओं व तैयारियों की जांच की। इस दौरान अस्पतालों में बेड, जांच, दवा, एंबुलेंस, मानव संसाधनों व आवश्यक उपकरणों की मॉनिटरिंग भी की गई। इसके तहत मेडिकल कॉलेज से जुड़े मुख्य अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक व्यवस्थाओं की जांच की गई है। चीन में फैल रही नई रहस्यमयी बीमारी के लक्षणों पर चिकित्सकों की नजर है। चीन में तेज बुखार के साथ फेफड़े फुला देने वाली इस रहस्यमयी बीमारी की वजह से हर रोज हजारों बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं। पिछले कुछ समय से चीन के बच्चों में फैल रही इस बीमारी में पीड़ित बच्चों के फेफड़ों में जलन, तेज बुखार, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इसे देखते हुए भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है। ये बीमारी अधिकतर बच्चों में पाई गई है, जहां इनके लक्षणों को समय रहते पहचानना आवश्यक है।


चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'इस बीमारी को लेकर चिकित्सा विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है। अस्पतालों में ऑक्सीजन व्यवस्था को भी जांचा गया है। साथ ही, बेड व्यवस्था भी परखी गई है। चिकित्सकों का कहन है कि इस बीमारी से डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। आमतौर पर मौसम के बदलाव के साथ ही कुछ बुखार और खांसी के लक्षण दिखाई देना सामान्य है। फिलहाल हमारे देश और राजस्थान में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। अस्पतालों में पर्याप्त बेड है, फिर भी हमें सतर्क रहने की जरूरत है और दो-तीन साल में ही हमारे बेड डबल हो गए हैं। अब आईसीयू बेड, मशीनें और वेंटीलेटर भी पर्याप्त है और किसी भी तरह की आपदा के लिए हम पूरी तरह से तैयार है और किसी भी मरीज को इस संबंध में दिक्कत नहीं आएगी।'


जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल सहित प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में मॉकड्रिल कर संसाधनों को चुनौती के मापदंडों पर परखा जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग की एसीएस (अपर मुख्य सचिव) शुभ्रा सिंह ने बताया कि राजस्थान में अब इन्फ्लूएंजा के मरीज, सांस संबंधी गंभीर के मरीज, जो अस्पताल में भर्ती होंगे उनके सैंपल जयपुर, जोधपुर, उदयपुर लैब में भेजे जाएंगे। यहां पर मरीजों के सैंपल की जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स, लैब टेक्नीशियन, एंबुलेंस, ऑक्सीजन प्लांट्स को तैयार रखने का निर्देश दिए है। फिलहाल, राजस्थान में अभी चिंता की कोई बात नहीं है। सिर्फ एहतियातन तैयारी के लिए राजस्थान स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों के साथ-साथ राज्य के लोगों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। पीडियाट्रिक यूनिट्स में बच्चों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है।


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि यह एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए इसके रोगियों को अस्पताल लाने के लिए अलग से एम्बुलेंस चिन्हित की जाएगी ताकि अन्य रोगियों में संक्रमण नहीं फैले। उन्होंने इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते ने मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में गाइडलाइन के अनुरूप सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए है। चिकित्सकों ने बताया कि चीन में जिस तरह का इंफेक्शन सामने आया है, उसके पीछे का कारण इंफ्लूएंजा, माइक्रोप्लाज्मान्यूमोनिया एवं सॉर्सकॉव-2 आदि माना जा रहा है। ऐसे संक्रामक रोगों से बचाव एवं नियंत्रण के लिए चिकित्सा विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है।

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