कृषि विज्ञान केंद्र, कटिहार में गुरुवार को 14वीं कृषि वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. डीआर सिंह एवं निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरके सोहाने ने संयुक्त रूप से की।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने कहा कि किसान अगर फसल विविधीकरण को अपनाए तो उनकी आय बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय तरल जैव-उर्वरक का उत्पादन कर रहा है, जिसको किसान बंधु अपनाकर आय बढ़ा रहे हैं। विश्वविद्यालय की मखाना किस्म सबौर मखाना का बीज उत्पादन कटिहार कृषि विज्ञान केंद्र कर रहा है। जिससे की निश्चित तौर पर जिला के किसानों को लाभ मिलेगा।
निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरके सोहाने ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा उत्पादित बीज को किसानों तक ले जाने की जरूरत है। उन्होंने मशरूम एवं अन्य उधमिता विकास से संबंधित परियोजना बनाकर नावार्ड के समन्यवय से किसानों के लिए काम करने की जरूरत है। प्राचार्य भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया के प्राचार्य डॉ. पारसनाथ ने बैठक में मौजूद किसानों को मखाना की खेती एवं इसके क्षेत्र विस्तार को लेकर विस्तार से जानकारी दी। कटिहार कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. कुमारी शारदा ने बैठक के दौरान गत वर्ष के सुझाव पर की गई कार्यवाही एवं अन्य रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण किया। इस अवसर पर इफको के क्षेत्राधिकारी राजीव लीचन ने इफको के नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के उपयोग के विषय पर जानकारी दी। डीडीएम नावार्ड अमित कुमार सिन्हा ने नावार्ड के विभिन्न योजनाओं से किसानों को जोड़ने की बात कही। बीएमपी कमांडेंट मो. दिलनवाज अहमद ने बीएमपी एवं कृषि विज्ञान केंद्र की लिंकेज की बात कही। जिला उद्यान पदाधिकारी ओम प्रकाश मिश्रा ने उद्यान से सम्बंधित विभिन्न योजनाओं के जानकारी दी। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक मनोज कुमार मधुकर ने केसीसी ऋण के विषय में किसानों को जानकारी दी। जीविका परियोजना प्रबंधक डॉ. बटुक नाथ मिश्रा ने जीविका से संबंधित विभिन्न योजनाओं के संबंध में जानकारी दी।