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संगमा ने एनसीईटी में खासी और गारो भाषाओं को शामिल करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने खासी और गारो भाषाओं को नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एनसीईटी) में शामिल करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है।

आज गुरुवार को एक पत्र में राज्य के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने एनसीईटी अधिकारियों से राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा में खासी, गारो और वैकल्पिक अंग्रेजी भाषाओं को शामिल करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से हस्तक्षेप की मांग करने का अनुरोध किया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे पत्र में राज्य के मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के वैधानिक नियमों के अनुसार मेघालय के छात्र धारा-1(33) भाषा-2 की किसी भी वैकल्पिक भाषा के साथ एनसीईटी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि इससे छात्रों, अभिभावकों और शैक्षणिक संस्थानों में असंतोष पैदा हो रहा है। इसके मद्देनजर खासी, गारो और वैकल्पिक अंग्रेजी को सूची में शामिल करने का अनुरोध किया जा रहा है ताकि छात्र इन विकल्पों का उपयोग कर सकें और अधिकारों और अवसरों से वंचित न रहें।

मुख्यमंत्री संगमा ने पत्र में आगे लिखा कि मामला गंभीर और चिंताजनक है, क्योंकि नेशनल टेस्ट एजेंसी द्वारा 2 जून को जारी अधिसूचना के माध्यम से इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम) नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से संबंधित है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वैकल्पिक रूप से अनुभाग-I भाषा के साथ अतिरिक्त प्रश्न जोड़े जा सकते हैं, जिससे निकट भविष्य में समस्या का समाधान हो जाएगा।

ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री ने आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री को यह पत्र राज्य शिक्षा विभाग से 30 जून और 10 जुलाई (2023) को प्राप्त पत्रों के मद्देनजर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमों का मूल्यांकन करते हुए लिखा है।

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