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ब्रिटिश शासन काल में रखी गई नींव आज विकास रथ को आगे बढ़ा रही नगर पालिका

मीरजापुर, 29 अप्रैल नगर पालिका परिषद मीरजापुर की नींव अंग्रेजों के शासन में वर्ष 1867 में ही रख दी गई थी। तब उस समय इसे नगर पालिका नाम से नहीं जाना जाता था। वर्ष 1916 से निरंतर पालिका का चुनाव होने लगा। पहली बार पी विंढम अध्यक्ष बने जो वर्ष 1920 तक अपने पद पर काबिज रहे। 1972 से 1989 तक चुनाव चुनाव नहीं हुआ। 1989 में हुए चुनाव में राजीव कुमार साइलस ने विजय हासिल की। इसके बाद चुनाव का सिलसिला लगातार जारी रहा। इस दौरान सिर्फ एक ही महिला 2012 में भाजपा से राजकुमारी खत्री अध्यक्ष बन पाईं। जिले की चुनार सीट भी अहम है। वर्ष 1951 में हुए नगर पालिका आम चुनाव में जनता ने चेयरमैन ठाकुर दौलत सिंह को चुना था। चुनार नगर पालिका इतिहास पर नजर डालें तो यहां 1890 से 1904 तक नगर पालिका थी। इसके बाद इसे दो भागों सेटलमेंट नोटीफाइड एरिया और चुनार नोटीफाइड एरिया में बांट दिया गया। पहले भाग में तहसील, अस्पताल, किला, चर्च मिशन स्कूल, अंग्रेजों का कब्रिस्तान आदि थे। 1928 तक यहां का चेयरमैन कोई ऐंग्लोइंडियन ही होता रहा। इसी क्षेत्र में लोवर लाइन बस्ती भी थी, जहां अधिकांश अवकाश प्राप्त अंग्रेज अधिकारी रहते थे। जब यहां के दूसरे भाग चुनार नोटीफाइड एरिया की स्थापना हुई तो यहां की आबादी मात्र सात हजार थी। इस क्षेत्र का अध्यक्ष भारतीय होता था। देश के स्वतंत्र होने के बाद 1949 में उक्त दोनों एरिया को मिला दिया गया और पुनः इसे नगर पालिका परिषद का दर्जा दिया गया। वर्ष 2017 में अध्यक्ष पद का आरक्षण सामान्य होने के बाद हुए चुनाव में पूर्व चेयरमैन हसीना बेगम के पति मंसूर अहमद ने एक दिसम्बर 2017 को पालिकाध्यक्ष के चुनाव में जीत दर्ज की। अहरौरा नगर पालिका की बात करें तो इसका भी इतिहास पुराना है। अंग्रेजी हुकूमत ने वर्ष 1914 में पुलिस थाना बनाया था। उसके बाद 1940 से नोटीफाइड एरिया को स्थापित किया। वर्ष 1940 में जब नोटीफाइड एरिया का गठन किया गया तो उस समय मात्र सात वार्डों में नगर की सीमा को निर्धारित किया गया था। उसके बाद दो अक्टूबर 1979 में नोटिफाइड एरिया का नाम बदलकर नगर पालिका बनाया गया। वार्डों की संख्या को बढ़ाकर 12 कर दी गई। वर्ष 1995 के बाद अध्यक्ष पद पर भी आम चुनाव होने लगे और वोटिंग के जरिए अध्यक्ष चुने जाने लगे। उसी समय वार्डों का विस्तार भी किया गया, जिसे बढ़ाकर 12 से 25 वार्ड किया गया। यहां सदस्यों की संख्या 33 है। आदर्श नगर पंचायत कछवां की बात करें तो यहां मिनी बोर्ड के सदन में 12 सदस्य और एक अध्यक्ष मतदाताओं द्वारा चुनकर आते हैं। वहीं, शासन के द्वारा नामित तीन सदस्य भी रहते हैं।
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