धमतरी, 12 अक्टूबर (हि.स.)।मनरेगा योजना में निर्माण व विकास कार्य कराने वाले मटेरियल सप्लायरों के तीन करोड़ से अधिक की राशि लंबे समय से फंसा हुआ है। सरकार से बजट नहीं मिलने के कारण एक साल से अधिक का समय बीतने को है, लेकिन भुगतान नहीं किया है। आर्थिक तंगी से जुझ रहे मटेरियल सप्लायरों ने शासन से दीवाली त्यौहार से पहले भुगतान की मांग की है। वहीं मनरेगा मजदूरों के भी करीब दो से ढाई लाख रुपये का भुगतान अटका है।
मनरेगा योजना के तहत गांवों में आंगनबाड़ी भवन, शौचालय, मिट्टी-मुरूम सड़क, पचरी निर्माण, स्टापडेम समेत कई कार्य सरपंचों व अन्य लोगों ने कराया है। इन लोगों के करीब तीन करोड़ से अधिक की राशि निर्माण कार्याें में लगा है। अगस्त 2021 से मटेरियल सप्लायरों के भुगतान नहीं हुआ है। सालभर से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन शासन से अब तक भुगतान के लिए बजट नहीं आया है, इससे मटेरियल सप्लायरों की दिक्कतें बढ़ गई है। वहीं कर्ज में मटेरियल लेकर काम करने वाले सरपंचों व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों की मुसीबत बढ़ गई है, क्योंकि सप्लायर उनके घर कर्ज मांगने आए दिन पहुंच रहे हैं, ऐसे में उन्हें मुंह छिपाना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस साल हड़ताल के चलते मनरेगा कार्य गांवों में ठीक से नहीं चल पाया। गांवों के मजदूरों को गिनती के दिन ही काम मिले। हड़ताल समाप्ति के बाद वर्षा का दौर शुरू हो गया है, ऐसे में काम करने वाले कुछ मनरेगा मजदूरों के करीब दो से ढाई लाख रुपये तक का भुगतान शेष है। ऐसे में मजदूरों को भी यह राशि मिलने का इंतजार है। इस संबंध में जिला पंचायत मनरेगा शाखा के एपीओ धरम सिंह का कहना है कि मटेरियल सप्लाई के भुगतान के लिए शासन से बजट नहीं मिला है। बजट आते ही तेजी के साथ भुगतान किया जाएगा।