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राजस्थान में माउंट आबू माइनस 0.5, चूरू, पिलानी, सीकर, श्रीगंगानगर, बीकानेर भी सबसे ज्यादा ठंडे

जयपुर, 27 दिसंबर । उत्तरी हवाओं के असर और पश्चिमी विक्षोभ से राजस्थान में अब सर्दी का अहसास लगातार हावी है। इसका सबसे ज्यादा शेखावाटी समेत माउंटआबू, बीकानेर, श्रीगंगानगर में है। सर्दी के प्रकोप के चलते यहां जनजीवन अस्त व्यस्त है। प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू, चूरू, सीकर, फतेहपुर, पिलानी में बीते तीन दिन से हाड़ कंपकंपा देने वाली सर्दी का दौर जारी है। पारे में लगातार गिरावट देखी जा रही है। सोमवार रात फतेहपुर का पारा माइनस 1.7, माउंट आबू का न्यूनतम तापमान माइनस 0.5 सेल्सियस मापा गया। इस दौरान पेड़ों पर बर्फ जम गई। इसके अलावा चूरू, पिलानी, सीकर, श्रीगंगानगर, बीकानेर भी सबसे ज्यादा ठंडे रहे। जयपुर में मंगलवार सुबह तेज सर्दी रही। साथ ही ठंडी हवाओ का दौर जारी रहा। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरी हवाओं का दबाव बढ़ने से सीजन में सबसे कम पारा जमाव बिंदु तक पहुंच गया है। आज भी दिनभर ठंडी हवा चलने की संभावना है। चूरू का पारा 0.5, सीकर का पारा 1.5, भीलवाड़ा का 3.8, बीकानेर का 3.9, जयपुर और जैसलमेर का पारा 6.8 दर्ज मापा गया। मौसम विभाग जयपुर के मुताबिक गुरुवार तक सीकर, चुरू, झंझनू, चूरू जिले के अलावा बीकानेर में भी शीतलहर का असर जारी रहेगा। श्रीगंगानगर में घना कोहरा छाने की संभावना है। अगले कुछ दिनों में पारा और नीचे जा सकता है। 29 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान में गिरावट के आसार हैं। फिलहाल, अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान औसत या औसत से नीचे मापा जा रहा है। राजस्थान में इस सीजन में सर्दी के तेवर अब तक नरम ही रहे है। मौसम विभाग का आकलन है कि नए साल का वेलकम भी कड़ाके की सर्दी से न होकर सामान्य सर्दी से होगा। भले ही पिछले 2-3 दिन से उत्तरी हवाएं चलने से राजस्थान में के कुछ हिस्से शीतलहर की चपेट में आए हो और कोल्ड-डे कंडीशन बनने के साथ पारा माइनस में चला गया हो, लेकिन सर्दी के ये तेवर अगले 24 घंटे ही रहेंगे। 29 दिसंबर से राज्य में दोबारा तापमान बढ़ने लगेगा और सर्द हवा और कोहरे से राहत मिलने लगेगी। इसके बाद 4 जनवरी से कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। हर साल की तरह इस साल लोगों को 31 दिसंबर या एक जनवरी को तेज सर्द हवाओं और कड़ाके की सर्दी जैसा मौसम देखने को नहीं मिलेगा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक 29 दिसंबर से उत्तर भारत के हिस्सों में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, इसका असर गिलगिट-बाल्टिस्तान, कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश की ऊंची पहाड़ियों पर देखने को मिलेगा। इससे वहां बारिश के साथ हल्का स्नोफॉल (बर्फबारी) होगा। इस सिस्टम के सक्रिय होने से उत्तरी हवाओं का मैदानी इलाकों में आना कम हो जाएगा, जिससे तापमान बढ़ने लगेगा और लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिलने लगेगी। इस सिस्टम का असर 2-3 जनवरी तक रहेगा। चार जनवरी से दोबारा उत्तरी हवाएं सक्रिय होंगी और तापमान गिरने लगेगा, जिससे एक बार फिर कोल्ड-वेव और कोल्ड जैसी कंडीशन देखने को मिलेगी। इस सीजन सर्दी कम पड़ने के साथ मावठ भी अब तक नहीं हुई है और 31 दिसंबर तक प्रदेश में मावठ होने के कोई आसार भी नहीं है। साल 2016 के बाद ये ऐसा होगा, जब दिसंबर के महीने में एक बूंद पानी कहीं नहीं बरसा। साल 2016 में भी दिसंबर के महीने में एक बूंद पानी नहीं बरसा था। उस साल चूरू में दिसंबर का न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही नहीं गया था। वहीं, बीकानेर में भी साल 2016 का दिसंबर सबसे कम ठंडा रहा था, यहां दिसंबर के महीने का सबसे कम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ था।
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