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राजस्थान में माउंटआबू, फतेहपुर और चूरू सबसे ठंडा

जयपुर, 2 फ़रवरी (हि.स.)। बीते दिनों पहाड़ी प्रदेशों में बारिश-बर्फबारी का असर राजस्थान के मौसम में साफ दिख रहा है। उत्तर भारत से आ रहीं बर्फीली हवाएं दोबारा ठिठुराने के साथ ही तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। बीती रात बुधवार को कई शहरों में न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस से नीचे मापा गया। शेखावाटी अंचल के साथ ही माउंटआबू अब भी प्रदेश में सबसे ठंडी जगहों में शुमार है। मौसम केंद्र जयपुर ने अगले तीन से चार दिनों तक मौसम साफ रहने और तेज सर्द हवाएं चलने की संभावना जताई है। इससे न्यूनतम तापमान में गिरावट के आसार हैं। बीती रात माउंटआबू का पारा जमाव बिंदु शून्य डिग्री मापा गया। इस दौरान मैदानी इलाकों में ओस की बूंदें जमी नजर आई। वहीं फतेहपुर का पारा 2, चूरू का पारा 3, भीलवाड़ा का 4.8, बीकानेर का 6.6, चूरू का 3, उदयपुर का 6.1, जयपुर का 8.4, जैसलमेर का 7.8, पिलानी का 6.8, सीकर का 7.5, श्रीगंगानगर का 8.4 डिग्री सेलिसयस पारा मापा गया। ऊंचाई वाले इलाकों से बर्फीली हवाएं मैदानी राज्यों की ओर आने से सर्दी का असर अब भी तेज है। आईएमडी के मुताबिक अगले सप्ताह तक प्रदेश में फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मौसम का मिजाज बदल सकता है। इससे कुछ जगहों पर कोहरा छाने के साथ ही हल्की बारिश होने के पूरे आसार हैं। मौसम विभाग के दो से तीन दिन मौसम शुष्क बना रहेगा। इसके अलावा सुबह और शाम में ठंड का असर तेज रहेगा। उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी का असर सिरोही में देखने को मिल रहा है। प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में सर्दी का तेज़ प्रकोप पिछले एक महीने से भी अधिक समय से देखने को मिल रहा है। बुधवार को न्यूनतम तापमान माइनस 4 डिग्री था, जिससे गुरुवार को राहत मिली। 4 डिग्री उछाल के बाद न्यूनतम तापमान 0 डिग्री मापा गया। गुरुवार को भी पारा जमाव बिंदु पर रहने से हिल स्टेशन माउंट आबू के मैदानी इलाकों सहित कारों की छत पर बर्फ जमीं रही। मौसम विभाग के अनुसार अब आगामी दिनों में मौसम शुष्क बना रहेगा। बीते दिन राजधानी जयपुर समेत प्रदेश भर के विभिन्न जिलों में आसमान साफ रहा। दिन में धूप देखने को मिली. तेज ठंड पड़ने से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। लोग सर्दी से बचाव के लिए हीटर और अलाव का सहारा ले रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में सरसों और गेहूं की फसल तेज बारिश से खराब हो गई है। ओलावृष्टि की वजह से रबी की फसलों में काफी नुकसान हुआ है।
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