पाकिस्तानी अखबारों सेः चुनाव तिथि पर सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव को तरजीह, कहा- बातचीत करें तो गुंज
नई दिल्ली, 20 अप्रैल पाकिस्तान से गुरुवार को प्रकाशित अधिकांश अखबारों ने चुनाव की तारीखों से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के बातचीत के प्रस्ताव को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर सभी राजनीतिक दल चुनाव की तारीख बदलना चाहते हैं तो साथ में बैठें। चीफ जस्टिस का कहना है कि 14 मई को इलेक्शन का फैसला तो दे चुके हैं। सहमति नहीं बनी तो इसे लागू भी कराएंगे। बिल रद्द होने का मतलब सरकार बहुमत खो चुकी है। सलाह-मशविरा के लिए 5 दिन काफी हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पीएम शहबाज समेत सभी बड़ी सियासी पार्टियों के अध्यक्षों को आज तलब कर लिया है। अदालत ने कहा है कि अटॉर्नी जनरल सरकार को अदालत के फैसले नहीं मानने के परिणाम से अवगत कराएं। चीफ जस्टिस ने सरकार को 27 अप्रैल तक 21 अरब रुपये चुनाव आयोग को देने का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस के राजनीतिक दलों के आपस में बातचीत के प्रस्ताव पर पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की प्रतिक्रिया को भी जगह दी गई है। उन्होंने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि राजनीतिक दल बातचीत के जरिए अपने विरोधभास दूर करें। इसके साथ ही ज्यादातर अखबारों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में सरकार के सहयोगी दलों की बैठक की खबर को भी तरजीह दी है। इसमें एक दिन इलेक्शन कराने को लेकर ईद के बाद सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाने का फैसला लिया गया है।
अखबारों ने वित्त मंत्री इसहाक डार द्वारा आईएमएफ की तमाम शर्तों को पूरा करने का दावा किए जाने को भी जगह दी है। उनका कहना है कि पाकिस्तान भंवर से निकल गया है। इसके साथ ही अखबारों ने पीएसी के जरिए पीटीआई सरकार के दौरान बिना ब्याज के 400 अरब डॉलर कर्ज देने की जांच का आदेश दिए जाने की खबरें दी हैं।
अखबारों ने ईद की छुट्टियों के दौरान इमरान खान की संभावित गिरफ्तारी को मद्देनजर रखते हुए उनके जरिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर किए जाने की खबरें दी हैं। अखबारों ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का एक ट्वीट छापा है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि मेरे बावर्ची और सिक्योरिटी इंचार्ज समेत विभिन्न स्टाफ कर्मियों का अपहरण करके उनके साथ हिंसा की गई है। उनका कहना है कि अदालतों के साथ खड़े हैं, देश को बांग्लादेश नहीं बनने देंगे।
सरहद इस पार की खबरों में उत्तराखंड के हल्द्वानी में मस्जिद पर हमला किए जाने और तरावीह की नमाज को रुकवाने की खबर को पड़ोसी देश के अखबारों ने छापा है। अखबारों में ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट दी है जिसमें बताया गया है कि त्योहारों पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
इसके अलावा अखबारों ने कांग्रेस द्वारा मोदी सरकार से पुलवामा हमले पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की खबरें दी हैं। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ आदि ने अपने पहले पन्ने पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा नवाएवक्त ने भारत के पूर्व सेना अध्यक्ष शंकर राय चौधरी का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के जवानों की शहादत के मामले में मोदी सरकार पल्ले नहीं झाड़ सकती है।