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जान मारने की धमकी देने से जुड़े मामले में नौ आरोपित साक्ष्य के अभाव में बरी

रांची, 23 जुलाई (हि. स.)। एसडीजेएम आरएस टोपनो की अदालत ने मंगलवार को जान मारने की धमकी देने से जुड़े आठ साल पुराने मामले में ट्रायल फेस कर रहे नौ आरोपितों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। इसमें सिकिदिरी निवासी प्रेमनाथ बेदिया, धनेश्वर बेदिया, हरिनाथ उरांव, कुलदीप बालमुचू, राजेन उरांव, इतवा उरांव, सिलाश उरांव, शिवधर महतो उर्फ नीरज कुमार एवं हजारीबाग निवासी अभय कुमार राय शामिल है।


इन लोगों पर अनगड़ा के तत्कालीन श्रम प्रवर्तन अधिकारी नरेंद्र सिंह को बंधक बनाकर पेड़ से बांध देने और दोबारा गांव में आने पर जान से मार देने की धमकी का आरोप था। तत्कालीन श्रम प्रवर्तन अधिकारी 3 फरवरी 2016 को अनगड़ा में निर्माणधीन सड़क के देखने गए थे। निर्माण को लेकर वहां के मजदूरों से पूछताछ कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें बंधक बना लिया गया था। घटना को लेकर नरेंद्र सिंह ने सिकिदिरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। लेकिन अदालत के कई बुलावे के बाद ने तो सूचक और ना ही मामले के जांच अधिकारी सुधीर प्रसाद सिंह गवाही देने पहुंचे। इसी का लाभ आरोपितों को मिला और अदालत ने उन्हें बरी कर दिया।

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