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ओसियां सामूहिक हत्याकांड पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने लिया प्रसंज्ञान, मामले में सुनवाई 27 जुलाई ??

जिले के ओसियां सामूहिक हत्याकांड मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है। आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए जोधपुर रेंज आईज़ी व जोधपुर ग्रामीण एसपी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी हैं। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि यह कृत्य गंभीर मानव अधिकार हनन की श्रेणी में आता हैं।

आयोग ने आदेश की प्रति जोधपुर रेंज आईजी व जोधपुर ग्रामीण पुलिस को भिजवाते हुए पूछा है कि यदि मृतक परिवार द्वारा संबंधित थाने में सुरक्षा बाबत कोई रिपोर्ट दी गई थी तो उस पर क्या कार्रवाई की गई। उसके बारे में भी आयोग को अवगत करवाएं। आयोग ने मामले की सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख नियत की हैं। अगली तारीख से पहले पुलिस को तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग को भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।

यह है मामला :

मामला जिले की ओसियां तहसील के रामनगर ग्राम पंचायत चेराई की गंगाणियों की ढाणी का है। यहां आपसी रंजिश के चलते एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर बुधवार को शव जला दिए गए। हत्यारे ने परिवार की 6 महीने की मासूम को भी नहीं छोड़ा। बुधवार सुबह चारों के शव घर के आंगन में जले हुए मिले। पुलिस ने बताया कि घटना मंगलवार रात करीब 3 बजे के आसपास की है। परिवार के लोग घर के बाहर सो रहे थे। उनकी धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या की गई। इसके बाद सभी को घसीटते हुए घर के आंगन में लाया गया और आग लगा दी गई।इधर, ग्रामीणों ने जब सुबह घर से धुआं उठते देखा तो मकान के पास पहुंचे। ग्रामीणों ने अंदर जाकर देखा तो पता चला चार परिजनों के शव पड़े थे। इसमें पूनाराम (55), उसकी पत्नी भंवरी (50), बहू धापू (24) और उसकी 6 महीने की बेटी के शव जले हुए मिले हैं। बच्ची का शव तो पूरी तरह जल गया था। बाकी के शव अधजले थे। पुलिस के मुताबिक परिवार खेती बाड़ी करता था।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में परिवार का ही आपसी विवाद सामने आया है। परिवार के मुखिया मृतक पूनाराम के भतीजे पप्पूराम ने सभी को मौत के घाट उतारा है।


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