श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि सपने देखें, उन्हें लिख कर अपनी जेब में रखें और सपने साकार करने के लिए संकल्प को दृढ़ करें। अपने लक्ष्यों के आड़े आने वाली कठिनाइयों को पहचानें और उन्हें दूर करने के लिए काम करें।
वह बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय के दुधौला परिसर में आयोजित ओरियंटेशन में नए दाखिल हुए विद्यार्थियों को मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि हमारा चयन दिशा के संकल्पों को तय करता है। जिन विद्यार्थियों ने अपनी शिक्षा और भविष्य के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का चयन किया है, उनके लिए करियर बनाने को पूरा आकाश पड़ा है।
इसीलिए विश्वविद्यालय ने अपने प्रोग्राम बनाने के लिए उद्योगों का सहारा लिया है। हम कार्यस्थल के अनुभव को शिक्षा के साथ जोड़ने की अवधारणा पर काम करते हैं। इसके माध्यम से शिक्षा के महत्व और अन्वेषण के नए आयाम को आसानी से समझा जा सकता है।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने विद्यार्थियों को उद्यम के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से देश और दुनिया के सफलतम उद्यमियों के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि कुछ नया सोचें और उसे हासिल करने के लिए मेहनत करें।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने नए विद्यार्थियों को अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर को स्वच्छ एवं बेहतर बनाने में सभी विद्यार्थी अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र अधिष्ठाता प्रो. ऋषिपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अनुशासन सफलता के लिए बेहद जरूरी है। साथ ही सीखने की ललक भी बनाए रखनी चाहिए। एसोसिएट डीन डॉ. सविता शर्मा ने विद्यार्थियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।