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अकेले दम पर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी बसपा : मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने जन्मदिन के अवसर पर सोमवार को पत्रकार वार्ता कर कहा कि राजनीति से विराम लेने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने गठबंधन की चर्चाओं को भी खारिज करते हुए कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव सभी वर्ग जाति विशेष के बल पर उनकी पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। साथ ही अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर कहा कि उनकी पार्टी 22 जनवरी के कार्य का स्वागत करती है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि पूरे देश में पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मेरा जन्मदिन जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मना रहे हैं। मैं उन सभी का हृदय से धन्यवाद देती हूं। लोकसभा चुनाव पर उन्होंने कहा कि वह किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होंगी। न ही वह किसी सरकार में शामिल होने जा रही हैं। चुनाव के बाद बाहर से सरकार को समर्थन दे सकती हैं। बसपा सुप्रीमों ने कहा कि अयोध्या में बने राम मंदिर के 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का वह स्वागत करती हैं। मस्जिद का भी जब निर्माण होगा, उसका भी स्वागत है। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने का निमंत्रण मिला है। इस समय पार्टी के कामकाज में व्यस्तता की वजह से जाने का अभी फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अपनी सरकार में यहां सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के तहत सभी के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की थी। इसी को देखते हुए दूसरी पार्टी की सरकारें नाम व थोड़ा सा स्वरूप बदलकर भुनाने में लगी हैं। उन पार्टियों की जातिवादी, पूंजीवादी संकीर्ण एवं सांप्रादायिक सोच होने के चलते लोगों को सही से लाभ नहीं मिल पा रहा है। केंद्र और राज्य की सरकारें गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई से मुक्ति दिलाने, रोजी-रोटी व रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की गारंटी देने के बाजए फ्री में थोड़ा सा राशन देकर इन्हें लाचार और गुलाम बना रही हैं। बसपा की सरकार में हमने लोगों को रोजी-रोटी और रोजगार दिया। वर्तमान में यह कहीं नहीं दिख रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में केंद्र व राज्य की सरकारें अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए जिस प्रकार से धर्म, संस्कृति की आड़ में राजनीति कर रही हैं। इससे अपने देश का संविधान और लोकतंत्र कमजोर होगा। बसपा अध्यक्ष पत्रकारों के जरिए सभी से अपील करती हैं कि वे अपनी रोजी-रोटी और मान सम्मान, स्वाभिमान और आने वाली पीढ़ियों को बेहतर कल देने के लिए बाबा साहेब के बताये रास्तों पर चलें। इस पर उन्होंने एक पुस्तक का विमोचन भी किया।
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