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जापानी प्रधानमंत्री ने मोदी को हिरोशिमा शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने सोमवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा कि प्रधानमंत्री किशिदा की यात्रा भारत और जापान के बीच आपसी सहयोग की गति को बनाए रखने में मददगार होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी आज की मुलाकात को विशेष बताते हुए कहा कि इस साल भारत जी-20 और जापान जी-7 की अध्यक्षता कर रहा है। इस दौरान प्राथमिकताओं पर मिलकर काम करने का सबसे अच्छा अवसर है। मोदी ने कहा, “आज जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने मुझे जी-7 नेताओं के शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जो मई में हिरोशिमा में आयोजित किया जाएगा। मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। मुझे उम्मीद है कि हमारा जुड़ाव हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करेगा और आपसी सहयोग को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएगा।” मोदी ने कहा, “मैं जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का भारत में स्वागत करता हूं। पिछले एक साल में, प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और मैं कई बार मिले हैं और हर बार मैंने भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों के प्रति उनकी सकारात्मकता और प्रतिबद्धता को महसूस किया है। इसलिए आज उनकी यात्रा हमारे आपसी सहयोग की गति को बनाए रखने के लिए बहुत उपयोगी रहेगी।” उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री किशिदा को हमारे जी-20 अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में विस्तार से बताया। ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आवाज देना हमारे जी-20 प्रेसीडेंसी का एक महत्वपूर्ण आधार है। वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास रखने वाली संस्कृति, सभी को एक साथ लाकर आगे बढ़ने में विश्वास करती है। इसलिए हमने यह पहल की है। उन्होंने कहा कि भारत-जापान विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और 'कानून के शासन' पर आधारित है। यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करेगा। मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंध, रक्षा, व्यापार से लेकर डिजिटल साझेदारी तक, महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने भारत में जापानी निवेश के 3.20 लाख करोड़ रुपये सहित पहले जापान के साथ किए गए सौदों को याद किया और कहा कि इस दिशा में एक संतोषजनक वृद्धि देखी गई है।
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