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हिसार में ईंट भट्ठे पर काम कर रहे 39 बांग्लादेशी पकड़े

गैरकानूनी ढंग से बॉर्डर क्रॉस कर आए थे हरियाणा


हिसार, 12 मई (हि.स.)। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और फिर सीजफायर के बाद पुलिस ने एक ईंट भट्ठे से 39 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। यह सभी अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। इनमें 14 पुरुष, 11 महिलाएं और 14 बच्चे शामिल हैं। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस इन मजदूराें काे बांग्लादेश डिपोर्ट करने की तैयारी कर रही है।


जानकारी के अनुसार हांसी पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर तोशाम रोड स्थित ढाणी सांकरी के एक ईंट भट्टे पर मजदूरी


कर रहे लाेगाें से पूछताछ की। इस दौरान इनके पास से किसी भारतीय होने का किसी तरह के डॉक्यूमेंट


नहीं मिले हैं। इसके बाद


हांसी पुलिस ने इन 39 बांग्लादेशी नागरिकों


को पकड़ कर सदर थाने ले आई। ये सभी गैर कानूनी तरीके से ईंट भट्ठे पर रह रहे थे। पकड़े गए


लोगों में 14 पुरुष, 11 महिलाएं और 14 बच्चे शामिल हैं।


पुलिस के अनुसार पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि वे काम की तलाश में अवैध रूप से बॉर्डर


क्रॉस करके बांग्लादेश से यहां आए थे। इन लाेगाें ने यह नहीं बताया


कि इनको बॉर्डर क्रॉस किसने करवाया था। इसे मामले में सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही


हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि


ये कितने लंबे समय से यहां रह रहे थे और इनके हांसी तक पहुंचने का जरिया क्या रहा।


बंगलादेश डिपोर्ट किए जाएंगे: एसपी


हांसी एसपी अमित यशवर्धन ने सोमवार को बताया कि पुलिस ने एक गुप्त सूचना के


आधार पर यह कार्रवाई की थी। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद आगे का निर्णय लिया


जाएगा। इनके बारे में लीगल प्रावधान की जानकारी ली जा रही है और इनको डिपोर्ट किए


जाने पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पकड़े गए सभी लोगों को दिल्ली कैंप


भेजा जाएगा। इसके लिए दिल्ली स्थित कैंप से संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने बताया


कि की बंग्लादेशी या पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान के लिए पुलिस ईंट भट्ठे व


फैक्टरियों में काम करने वाली लेबर की जांच कर रही है और यह जांच आगे भी जारी रहेगी।


इनके पास था बंगाल का आधार कार्ड


इस संदर्भ में जब ईंट भट्ठा मालिक संदीप ने बताया कि


इनके पास बंगाल का आधार कार्ड था। संदीप ने बताया कि करीब एक महीने पहले पांच परिवार


उनके पास काम करने के लिए आए थे। बाकी परिवार अभी दो दिन पहले ही आए हैं और इन्हें


राजस्थान के एक ईंट भट्ठे से यहां लाया गया था। इनके पास बंगाल का आधार कार्ड भी मौजूद


था, लेकिन अब ये पुलिस को क्यों नहीं दिखा रहे हैं, इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता।

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