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नहर अध्यक्षों को हटाने के पत्र पर सियासत गर्माई

श्रीगंगानगर, 25 मार्च, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के भाजपा- कांग्रेस के विधायकों की ओर से दोनों जिलों के नहर-वितरिकाओं के अध्यक्षों को हटाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संयुक्त रूप से पत्र लिखने पर यहां सियासत गर्मा गई है। वर्ष 2018 के चुनाव में इन विधायकों से हार चुके प्रत्याशी किसान संगठनों से जुड़े इस मुद्दे को भुनाने के प्रयास में हैं। उनका आरोप है कि विधायक खुद पानी के वितरण में अधिकारियों से गड़बड़ी करवाना चाहते हैं, इसलिए आरोप लगाकर उन्हें हटाना चाहते हैं। विधायकों के अनुसार यह पत्र सादुलशहर विधायक जगदीश जांगिड़ की ओर से तैयार करवाया गया है, जिस पर सभी विधायकों ने हस्ताक्षर किए और राज्य सरकार को भेज दिया। पत्र पर करणपुर विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर, श्रीगंगानगर विधायक राजकुमार गौड़, सादुल शहर विधायक जगदीश चंद्र, हनुमानगढ़ विधायक विनोद चौधरी, संगरिया विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी, पीलीबंगा विधायक धर्मेंद्र मोची, भादरा विधायक बलवान पूनिया, नोहर विधायक अमित चाचान, रायसिंहनगर विधायक बलबीर लूथरा, सूरतगढ़ विधायक रामप्रताप कासनिया और अनूपगढ़ विधायक संतोष बावरी के हस्ताक्षर हैं। विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय विधायकों की कार्यशैली पर तंज करने शुरू कर दिए हैं, वे सोशल मीडिया के माध्यम से आगामी चुनाव में ऐसे विधायकों से सचेत रहने का आह्वान भी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ विधायकों की ओर से इस पत्र से पल्ला झाडऩे का प्रयास किया जा रहा है। कई विधायकों ने सफाई देते हुए कहा कि विश्वास कर बिना पत्र पढ़े हस्ताक्षर कर दिए। वहीं भाजपा विधायकों की ओर से इस पत्र के संदर्भ में फिर से संशोधित पत्र लिखने की बात कही जा रही है। विधायकों ने पत्र में लिखा है कि श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ में नहरों को पक्का करवाने के लिए वर्ल्ड बैंक से ऋण लिया था इस ऋण के लिए वर्ल्ड बैंक ने कुछ शर्तें लगाई थीं। वर्ल्ड बैंक के अनुसार नहर वितरिकाओं का रखरखाव व आबियाना संग्रहण करने का अधिकार इन नहर अध्यक्षों को दिया गया था। इसमें यह भी शर्त थी कि समय-समय पर इन वितरिकाओं के अध्यक्षों का चुनाव करवाना पड़ेगा। अब वर्ल्ड बैंक के ऋण की समय अवधि पूरी हो चुकी है, अब राज्य सरकार इनकी शर्तों को मानने के लिए बाध्य नहीं है। पत्र में विधायकों ने लिखा कि अध्यक्षों द्वारा काश्तकारों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने अध्यक्षों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि ये (अध्यक्ष) नहरों की सफाई भी नहीं करवा रहे हैं। यही नहीं आए दिन गांवों में झगड़े करवाते हैं एवं राजकीय कार्यों में दखलअंदाजी भी करते हैं। मनमर्जी से पानी का दिन और बारी काट देते हैं और पैसे लेकर किसी दूसरे किसान की बारी बांध भी देते हैं। किसानों को आए दिन इनके खौफ का शिकार होना पड़ता है। अंत में सीएम से आग्रह किया गया है कि इन अध्यक्षों की शक्तियां खत्म कर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी जाए। इस संबंध में श्रीकरणपुर विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर से बात की तो उन्होंने यह पत्र सभी विधायकों की ओर से लिखने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि यह पत्र विधायक जगदीश जांगिड़ ने तैयार करवाया था। अब कोई विधायक कुछ भी बोले, मगर इस मामले में सभी की सहमति थी। उन्होंने कहा कि पत्र में नहर अध्यक्षों पर जो आरोप लगाए गए हैं, वे सत्य है। अध्यक्ष ऐसा ही कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पत्र में उन्हें हटाने का नहीं लिखा है। संगरिया विधायक गुरदीप शाहपीनी ने कहा कि यह पत्र सादुलशहर विधायक जगदीश जांगिड़ ने लिखा था। हमने विश्वास पर बिना पत्र पढ़े हस्ताक्षर कर दिए। हम नहर अध्यक्षों को हटाना नहीं चाहते । इस संबंध में भाजपा विधायकों की ओर से पुन: संशोधित पत्र लिखा जा रहा है। इस संबंध में विधायक जगदीश जांगिड़ से बात करने का प्रयास किया गया, मगर प्रयासों के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इस संबंध में जल संसाधन विभाग (उत्तर संगम) के मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा ने बताया कि मेरे पास अभी तक कोई अधिकृत पत्र नहीं पहुंचा है। मैंने भी किसान संगठनों से सुना है कि विधायकों ने ऐसा कोई पत्र लिखा है। मगर विधायकों के पत्र के संदर्भ में वाटर रिर्सोज डिपार्टमेंट राजस्थान जयपुर के अधीक्षण अभियंता (वर्क्स) हरिश वसधानी की ओर से 22 मार्च 2023 को वाटर रिर्सोज (नॉर्थ) हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता को लिखा गया पत्र किसान संगठनों की ओर से मीडिया को उपलब्ध करवाया गया है।
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