नई दिल्ली, 18 दिसंबर (हि.स.)। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा से आज पारित विकसित भारत- रोजगार और आजीविका मिशन गारंटी (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी विधेयक को गरीब विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी।
प्रियंका ने गुरुवार को संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि इस विधेयक से मनरेगा खत्म होने जा रहा है। हम इसका पूरी तरह विरोध करेंगे। इस पर सभी विपक्षी पार्टियां सहमत हैं। इसमें लोगों की मजदूरी के दिन 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर देना सिर्फ एक चालाकी है। उन्होंने कहा कि जैसे ही इस विधेयक के खर्च का बोझ राज्य सरकारों पर पड़ेगा, धीरे-धीरे मनरेगा बंद होने लगेगी। मनरेगा योजना देश के सबसे गरीब लोगों के लिए रोजगार का सहारा रही है और कोरोना जैसी मुश्किल परिस्थितियों में भी यह उनके साथ खड़ी रही। यह विधेयक गरीब-मजदूरों के खिलाफ है और कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 16 दिसंबर को यह विधेयक लोकसभा में पेश किया था, जो आज हंगामें के बीच लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। कांग्रेस-नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने साल 2005 में ग्रामीण इलाकों के लोगों का जीवन सुधारने के उद्देश्य से मनरेगा कानून लागू किया था, जिसमें देश के सभी जिले शामिल थे।
मनरेगा योजना में मजदूरों को मिलने वाली मजदूरी का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाती है, जबकि सामग्री व अन्य खर्च राज्यों के साझा योगदान से होते हैं। वहीं, नए बिल में प्रस्ताव है कि कुल खर्च का 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार उठाएगी। पूर्वोत्तर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों में केंद्र सरकार खर्च का 90 प्रतिशत वहन करेगी। इसके अलावा, इस नई योजना में अप्लाई करने के 15 दिनों के भीतर अगर किसी को काम नहीं मिलता है तो दैनिक बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा, जिसका खर्च राज्य सरकार उठाएगी। यह प्रावधान मनरेगा में भी मौजूद है।