केन्द्रीय खान सचिव विवेक भारद्वाज ने मेजर मिनरल्स ब्लॉक्स के अधिक से अधिक नीलामी की आवश्यकता प्रतिपादित करने के साथ ही नीलाम माइंस की आवश्यक औपचारिकताओं को भी तय समय सीमा में पूरी कर उन्हें ऑपरेशनल बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान विपुल खनिज संपदा प्रदेश है और अब प्री एम्बेडेड माइंस के ऑक्शन का रोडमेप बनाकर राजस्थान समूचे देश में अग्रणी प्रदेश बन सकता है।
केन्द्रीय खान सचिव विवेक भारद्वाज मंगलवार को खान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता के साथ माइंस, जीएसआई, एमईसील और आइबीएम आदि की वीसी के माध्यम से राजस्थान में माइनिंग क्षेत्र की गतिविधियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने राजस्थान में मेजर और माइनर मिनरल माइंस के एक्सप्लोरेशन, ऑक्शन और माइनिंग क्षेत्र में हो रहे कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए नए नए माइनिंग ब्लॉक्स तैयार कर और अधिक नीलामी की आवश्यकता प्रतिपादित की है। उन्होंने कहा कि मिनरल ब्लॉकों की नीलामी से रोजगार, आय और राजस्व में बढ़ोतरी होती है।
भारद्वाज ने राजस्थान में जियो हेरिटेज साइट्स के क्षेत्र में आरएसएमईटी द्वारा तैयार दस्तावेज की सराहना की। उन्होंने कहा कि जीएसआई, एमईसीएल, आईबीएम व विभाग के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है ताकि ओवरलेपिंग व निषिद्ध क्षेत्र में अनावश्यक रुप से श्रम व समय को बचाया जा सके। भारद्वाज ने विश्वास दिलाया कि राजस्थान के माइनिंग क्षेत्र से जुड़े बिन्दुओं पर सकारात्मक सोच के साथ सहयोग किया जाएगा।
वीनू गुप्ता ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा आरएसएमईटी को प्रोजेक्ट मोनिटरिंग इकाई बनाते हुए आठ प्री एम्बेडेड माइंस के माइनिंग प्लान, पर्यावरण क्लीयरेंस सहित आवश्यक सभी औपचारिकताएं पूरी करने का रोडमेप तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी संबंधित स्वीकृतियां प्राप्त कर इस साल के अंत तक इन आठ मांइस का ऑक्शन किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि प्री एम्बेडेड माइंस के ऑक्शन का यह देश की अनूठी पहल होगी।
एसीएस गुप्ता ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष के शुरुआती तीन माह में ही 27 मेजर मिनरल ब्लॉकों की ई नीलामी प्रक्रिया शुरु की गई है जो अपने आपमें एक रिकार्ड है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ट्राजेंक्शनल एडवाइजर नियुक्त करने की संभावना को तलाशेगी ताकि और अधिक एग्रेसिव मार्केंटिंग के साथ माइनिंग ब्लॉक्स की नीलामी की जा सके।