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रेवाड़ी और नारनौल में बम-बम भोले के जयकारों से गूंजे शिवालय

रेवाड़ी और नारनौल क्षेत्र के मन्दिरों में शनिवार को शिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने पूरे उल्लास के साथ शिव-पार्वती का पूजन किया। गंगाजल और दूध से जलाभिषेक करने के बाद उनका बेलपत्र और फूलों से श्रृंगार किया।

इस दौरान शिवालय हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारों से गूंजते रहे। भोलेनाथ के पूजन के लिए मंदिरों में भोर से ही लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। जिलाभर के मन्दिरों में सावन माह की शिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। शुक्रवार की रात से ही शिवालयों में भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।

हरिद्वार से कांवड़ के जरिए गंगाजल लेकर आए श्रद्धालुओं ने शनिवार को सुबह-सुबह भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक किया। इसके साथ ही अलग-अलग मंदिरों में डाक कांवड़ियों द्वारा भी हरिद्वार से लाए गए गंगाजल से भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। रेवाड़ी शहर के भाड़ावास रोड पर बारा पत्थर स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर, घंटेश्वर महादेव मंदिर के अलावा विभिन्न मंदिरों के बाहर बम-बम भोले के जयघोष के साथ श्रद्धालुगण झूमते नजर आए।

शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने के लिए मंदिरों में पहुंचने वाले लोगों के लिए मंदिर कमेटी की तरफ से भी विशेष तैयारियां की गईं। नारनौल के मुख्य मंदिर मोड़ावाला, मोटा महादेव, शोभासागर सहित च्यवऩऋषि की तपोस्थली ढ़ोसी धाम पर भी कांवड़ द्वारा लाए गए जल से भोले नाथ का जलाभिषेक किया गया। घरों में भी भगवान भोले नाथ का पूजन किया गया।

श्रद्धालुओं ने गंगाजल, दूध, दही, शक्कर और शहद से स्नान के बाद उन्हें भोग लगाया। कई मंदिरों में महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी किया गया। भगवान भोले नाथ को प्रसन्न करने के लिए महिला, पुरुष के साथ बुजुर्ग और बच्चों ने व्रत रखा। शिवरात्रि पर्व के मद्देनजर प्रशासन द्वारा मंदिरों के बाहर सुरक्षा-व्यवस्था भी गई।

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