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सोलापुर ड्रग्स फैक्टी से फरार तस्कर उमेश वाघ तीन महीने बाद पालघर में गिरफ्तार

नासिक पुलिस ने सोलापुर ड्रग्स फैक्टरी से फरार तस्कर उमेश वाघ को तीन महीने बाद पालघर जिले के विरार से गिरफ्तार कर लिया। उमेश वाघ इस दौरान बेंगलुरु, केरल, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में रहा। वाघ की गिरफ्तारी से बड़ा खुलासा होने की संभावना है। पुलिस के अनुसार नासिक पुलिस ने तीन महीने पहले सोलापुर में चल रही एमडी ड्रग बनाने वाली फैक्टरी में छापा मारकर भारी मात्रा में ड्रग बरामद किया था। इसके बाद पुलिस ने ड्रग बनाने वाली कंपनी को ध्वस्त कर दिया था। इस मामले में नासिक पुलिस ने 13 आरोपितों को गिरफ्तार किया था, जबकि इस कंपनी का मालिक ड्रग तस्कर उमेश वाघ फरार था। बुधवार तड़के पुलिस ने वाघ को विरार से गिरफ्तार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि पुणे के ससून अस्पताल से येरवड़ा जेल में सजा काट रहे ड्रग तस्कर ललित पाटिल के फरार होने के बाद मुंबई पुलिस ने इस मामले पर कार्रवाई की थी। मुंबई पुलिस ने नासिक के शिंदे वाड़ी में की ड्रग फैक्टरी में छापा मारकर फैक्टरी को ध्वस्त कर दिया था। यह ड्रग फैक्टरी ललित पाटिल और उसके भाई भूषण पाटिल चला रहे थे। मुंबई पुलिस ने चेन्नई से ललित पाटिल, भूषण पाटिल सहित तकरीबन 20 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद तीन महीने पहले नासिक पुलिस ने ललित पाटिल के दोस्त उमेश वाघ की सोलापुर में चल रही ड्रग फैक्टरी में छापा मारा था और फैक्टरी ध्वस्त कर दिया था। लेकिन उमेश वाघ फरार हो गया था। अब तक की जांच में पता चला है कि उमेश वाघ सोलापुर की फैक्टरी में बना ड्रग नासिक के सनी पगारे को बेच रहा था। सनी पगारे ड्रग की सप्लाई सभी जगह करता था। सोलापुर और नासिक में दवा फैक्टरी शुरू करने की योजना पुणे के येरवडा जेल और ससून अस्पताल में बनाई गई थी। अब तक जांच के दौरान नासिक पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार सोलापुर ड्रग फैक्टरी में अब तक इस फैक्टरी में बनी दवाओं से करीब 12 से 15 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है। इस फैक्टरी में हर महीने 70 से 80 किलोग्राम दवाओं का उत्पादन होता था। इसकी बिक्री भी 3 लाख रुपये प्रति किलो की दर से हो रही थी। नासिक में बनी दवाएं मुंबई में बेची जा रही थीं।
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