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महेश्वर के तीन मंदिरों में होगी विशेष लाइटिंग

खरगोन, 7 अक्टूबर (हि.स.)। जिले के प्रसिद्ध पर्यटन और ऐतिहासिक नगरी के रूप में महेश्वर की अपनी एक अलग पहचान है। यहां नर्मदा घाट, मंदिरों और स्थापत्य कला आधारित संरचनाएं, महेश्वरी साड़ी तथा नगर की ऐतिहासिकता अनुपम है। आगामी 11 अक्टूबर को महेश्वर के नर्मदा घाट और नगर के तीन मंदिरों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। तीन मंदिरों में भवानी माता मंदिर, राजराजेश्वर और पंढरीनाथ मंदिर में आयोजन होंगे।

जनसम्पर्क अधिकारी पुष्पेन्द्र वास्कले ने जानकारी देते हुए बताया कि इसी दिन प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। महाकाल लोक के लोकार्पण को खरगोन जिले में भी मंदिरों को सजाया जाएगा तथा अन्य आयोजन होंगे।

भवानी माता मंदिरः- यह मंदिर नगर के बस स्टैंड के पास माहेश्वरी नदी के किनारे पर स्थित है। पुराणों में इस मंदिर के बारे में कहा गया है कि यह भगवती माता के 108 सिद्धपीठ में शामिल है। इस मंदिर की एक यह भी विशेषता है कि यह मंदिर पाषाण के दीपस्तम्भ पर बना है।

पंढरीनाथ मंदिरः- यह परमारकालीन मंदिर है, जिसका निर्माण 9वीं से 10वीं सदी के मध्य होना बताया जाता है। ऐसी सम्भावना है कि मुगलकाल में इस मंदिर के शिखर को ध्वस्त किया गया होगा, क्योंकि पुणे के प्रथम पेशवा यशवंतराव द्वारा मंदिर कर शिखर का पुनर्निर्माण करवाया गया था। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि किसी समय यह मंदिर नर्मदा विहार करते समय बड़ा आनंददायी और अनुपम प्रतीत होता था। उसी समय मंदिर की छत्री और शिखर प्राकृतिक सुंदरता एक सुखद अनुभूति कराता था।

राजराजेश्वर मंदिरः- हैहय वंश के कार्तवीर्यार्जुन के समाधि स्थल पर राजराजेश्वर शिवालय स्थित है। यहां धातु से बनी शिव-पार्वती माता की प्रतिमाएं स्थित है। इस मंदिर में अखंड ज्योत सदियों से आज भी जलती हुई देखी जा सकती है। नगर के कई नागरिक इस ज्योत के दर्शन के लिए लालायित रहते हैं।

ध्वज-पताका और शंखनाद से गूंजेंगे मंदिर और प्रांगण

11 अक्टूबर शाम को यहां ध्वज पताका और शंखनाद से मंदिर और प्रांगण गूंज उठेंगे। इस दिन यहां शाम 6 बजे उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण का सीधा प्रसारण भी किया जाएगा। साथ ही दीप प्रज्ज्वलन, दीपदान, भजन कीर्तन और घंटानाद आदि होगा।

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