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मेरठ में जमीन से कब्जा हटाने पहुंची आवास-विकास की टीम पर पथराव

मेरठ, 09 दिसम्बर (हि.स.)। जागृति विहार एक्सटेंशन की भूमि को कब्जामुक्त कराने पहुंचे आवास एवं विकास परिषद की टीम पर शुक्रवार को किसानों ने पथराव कर दिया। टीम के कर्मचारी अपनी जान बचाकर भाग निकले। बाद में पुलिस ने किसानों को लाठी फटका कर दौड़ा लिया।

2009 में जागृति विहार एक्सटेंशन योजना के लिए काजीपुर, कमलापुर, घोसीपुर और सराय काजी के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। योजना की 600 एकड़ जमीन में से 150 एकड़ जमीन पर किसानों ने कब्जा करके फसल बोई हुई है। गुरुवार को आवास एवं विकास परिषद की टीम ने खेतों में खड़ी फसल को ट्रैक्टर से जोतकर 100 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराया। इसमें विरोध करने वाले 12 किसानों को हिरासत में लिया गया। शुक्रवार को बची हुई 50 एकड़ जमीन को कब्जामुक्त कराने के लिए आवास विकास परिषद की टीम फिर से जागृति विहार एक्सटेंशन पहुंची। गौरतलब है कि बढ़े प्रतिकर और प्लाट की मांग को लेकर किसान 16 महीने से धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों ने जमीन पर कब्जा करके उस पर फसल बोई हुई है। इस कारण योजना में प्लाट खरीदने वाले लोगों को प्लाटों पर कब्जा नहीं मिल पा रहा। आवास विकास के आवंटी भी कब्जा पाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार को आवास विकास की टीम ने जैसे ही खेतों से कब्जा हटाना शुरू किया तो महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया और टीम पर पथराव होने लगा। यह देखकर टीम के सदस्यों ने भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और किसानों को लाठी फटका कर दौड़ाया। किसानों का आरोप है कि आवास एवं विकास परिषद ने उनके खेतों में बने ग्राम देवता को तोड़ दिया। इसके बाद किसान दूसरे स्थान पर हंगामा करने लगे और धरने पर बैठ गए।

आवास एवं विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि किसानों को तय मुआवजे के तहत पैसा और प्लाट दे दिए गए। इसके बाद भी किसान धरना दे रहे थे। अब जमीन को कब्जा मुक्त कराकर आवंटियों को प्लाटों पर कब्जा दिया जाएगा। जमीन को कब्जा मुक्त कराने का अभियान चलता रहेगा। इससे आवंटियों ने राहत की सांस ली है।


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