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वीर भूमि के प्राचीन सरोवरों की जमीनों को निगल रहे भू-माफिया

महोबा, 26 अप्रैल(हि.स.)। बुंदेलखंड की वीर भूमि में बने विशाल जल भंडारण के लिए प्रसिद्ध सरोवर देखभाली के अभाव में बदहाली का शिकार हो रहे हैं। साल दर साल इन सरोवरों का रकबा घट रहा है। सरोवरों के किनारे जहां लोगों ने कब्जा कर रखा है, वहीं जल में जलकुंभी का कब्जा है।

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की वीर भूमि अपने गौरवशाली इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। चंदेल कालीन राजाओं ने एक से बढ़कर एक सरोवरों का निर्माण कराया है, जिनमें कीरत सागर, मदन सागर और कल्याण सागर, विजय सागर शामिल हैं। जो कि वीर भूमि की वीरता का गवाह भी बने। नगर के बीचों बीच सरोवर कल्याण सागर स्थित है।जिसका निर्माण लगभग 800 वर्ष पूर्व महाराज नरेश वीर बर्मन ने कराया था और अपनी पत्नी कल्याणी देवी के नाम पर इसका नाम कल्याण सागर रखा।

अधिकारियों की उदासीनता और उपेक्षाओं के कारण कल्याण सागर सरोवर का रकबा दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है। लोगों के इसके किनारे पर कब्जा कर रखा है। तालाब के किनारों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है।

प्राचीन सरोवरों का हो सीमांकन

जनपद मुख्यालय के निवासी मुकेश कुमार, अनमोल, विकास और सुधीर सिंह का कहना है कि यह प्राचीन सरोवर वीर भूमि की पहचान हैं। इन सरोवरों की जल भंडारण की क्षमता बढ़ने से नगर का जल स्तर बढ़ेगा, जिससे लोगों को पानी की समस्या भी छुटकारा मिल सकेगा। और कहा कि अति प्राचीन सरोवरों को कब्जा मुक्त करा उनका सीमांकन कराया जाना चाहिए। भूमाफिया तालाबों की जमीन को बेचकर उनका रकबा घटा रहे और मुनाफा कमा रहे हैं।


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