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जबलपुर: हाईकोर्ट ने दोहरे हत्याकांड में तीन भाइयों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला

जबलपुर, 21 दिसंबर (हि.स.)। मप्र उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुजय पाल व न्यायमूर्ति बीके द्विवेदी की युगलपीठ ने गुरुवार को दोहरे हत्याकांड के मामले में दोषी पाए गए तीन भाइयों की फांसी की सजा में उम्रकैद में बदल दिया। जबलपुर के गोरखपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ढाई वर्ष पूर्व नाली के मामूली विवाद पर दंपति की हत्या तथा तीन अन्य पर प्राणघातक हमला हुआ था। मामले में सेशन कोर्ट ने तीन भाइयों जबलपुर निवासी विनय कुशवाहा, रवि कुशवाहा व राजा कुशवाहा को फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने अंतिम सांस तक उम्रकैद में बदल दिया। कोर्ट ने आरोपितों की आयु व उनमें सुधार व पुनर्वास की संभावना को देखते हुए आदेश पारित किया। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि आरोपितों की आयु 35, 24 व 23 वर्ष है। उन्होंने एकराय होकर दो परिवारों पर हमला किया वे निचले व मध्यम तबके के हैं। समाज को भयभीत करने की मंशा से जघन्य अपराध किया। उनके सुधार व पुनर्वास की संभावना से मना नहीं किया जा सकता। लिहाजा,फांसी की सजा को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास में बदला जाता है। अभियोजन के अनुसार सांई कालोनी निवासी गोलू कुशवाहा का पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार विनय कुशवाहा से नाली के पानी की निकासी को लेकर विवाद चल रहा था। 14 जून, 2021 को गोलू अपने घर पर रात्रि करीब ग्यारह बजे खाना खा रहा था। उसी दौरान आरोपित पड़ोसी विनय कुशवाहा, रवि कुशवाहा व राजा कुशवाहा बाउंड्री कूदकर गोलू के घर अंदर जा घुसे। उन्होंने पत्नी रुचि पर चाकू से हमला कर दिया और उसके बाद उसके बेटे प्रतीक पर भी चाकू से हमला किया। गोलू का भाई पुष्पराज व उसकी पत्नी नीलम बीच-बचाव करने आये तो आरोपितों ने उन पर भी चाकू व लाठियों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित मौके से फरार हो गए थे। सुनवाई दौरान पेश किए गए साक्ष्य व गवाहों के आधार पर सेशन कोर्ट ने तीनों आरोपितों को फांसी की सजा सुना दी थी। साथ ही मृत्युदंड की पुष्टि के लिए उक्त प्रकरण हाई कोर्ट भेजा गया था। इसके अलावा सजा के विरुद्ध आरोपितों की ओर से अपील भी दायर की गई थी।
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