सुप्रीम कोर्ट में अदाणी विवाद पर पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बताया कि उसके 2019 के नियम में बदलाव से विदेशी फंड के लाभार्थियों की पहचान करना मुश्किल नहीं है। यदि कोई उल्लंघन पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लाभकारी स्वामित्व और संबंधित-पक्ष लेनदेन से जुड़े नियमों को लगातार कड़ा किया गया है। अदाणी समूह पर उसके स्टॉक मूल्य में हेरफेर करने के आरोपों में ये दोनों प्रमुख पहलू हैं।
सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति ने मई में अंतरिम रिपोर्ट में कहा था कि उसने गौतम अदाणी की कंपनियों में हेरफेर का स्पष्ट पैटर्न नहीं देखा और कोई नियामकीय विफलता नहीं हुई। हालांकि, समिति ने 2014-2019 के बीच भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के किए गए कई संशोधनों का हवाला भी दिया, जिससे नियामक जांच की क्षमता बाधित हुई और विदेशी कंपनियों से पैसे के प्रवाह में कथित उल्लंघन की जांच बेनतीजा रही। अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच की स्थिति रिपोर्ट का कोई उल्लेख किए बिना सेबी ने समिति की बात से असहमति जताई।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़कर तीन महीने के शीर्ष पर
बाजार में जारी तेजी के बीच जून में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 8,637 करोड़ का निवेश आया है। यह तीन माह का उच्च स्तर है। इसके पहले मई में 3,240 करोड़ और अप्रैल में 6,480 करोड़ का निवेश आया था। मार्च में 20,534 करोड़ का शुद्ध निवेश हुआ था। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के मुताबिक, जून में सिस्टैमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) से इक्विटी फंड में 14,734 करोड़ निवेश हुआ। मई में 14,749 करोड़ था। एयूएम कैपिटल के मुुकेश कोचर ने कहा, लगातार चौथे माह एसआईपी निवेश 14,000 करोड़ से अधिक रहा। निवेशकों ने स्मॉलकैप फंड में 5,472 करोड़ लगाया है। वैल्यू फंड में 2,239 करोड़ व मिडकैप में 1,749 करोड़ का निवेश आया।