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बम-बम के जयकारों से गूंजे मंदिर, कांवड़ियों ने किया जलाभिषेक

जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने भक्तों को बताया शिवरात्रि एवं श्रावण का महत्व

सावन शिवरात्रि के अवसर पर शनिवार को शहर के मंदिर बम-बम के जयकारों से गूंज उठे। कांवड़ियों ने पूरी श्रद्धा के साथ शिव का अभिषेक किया। इसी कड़ी में श्री सिद्धदाता आश्रम स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में सैकड़ों की संख्या में कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया।

इस अवसर पर जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि भगवान शिव का नाम मुक्ति अर्थात् मोक्ष के साथ जोड़ा जाता है।भगवान शंकर अपने भक्त पर सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिव के भक्त इसी जीवन में भौतिकवाद और अध्यात्मिकवाद को साधते हुए जीवन जीते हैं। उन्होंने बताया कि शिव अपने परिवार के साथ कैलाश पर निवास करते हैं जिससे वह हमें परिवार के भरण-पोषण का संदेश देते हैं। इसका अर्थ है कि वह हमें अनेक मानवीय गुणों प्रेम, दया, आदर्श आदि का संदेश देते हैं।

गुरु महाराज ने भगवान शिव के मूर्त रूप का पंचामृत अभिषेक किया। जिसे बाद में सभी को प्रसाद रूप में वितरित किया गया। इस अवसर पर अनेक जगहों से आए सैकड़ों कांवड़ियों एवं दर्जन भर डाक कांवड़ के साथ आए कांवड़ियों एवं हजारों की संख्या में अन्य भक्तों ने भगवान शिव का अभिषेक किया। सभी ने गुरु महाराज से प्रसाद एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।

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