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धमतरी : धर्मग्रंथों में बताए गए हैं 16 संस्कार : धनवंतरी नाग

धमतरी, 26 अप्रैल गायत्री परिवार की ओर से चलाए जा रहे आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी कार्यक्रम के तहत गायत्री मंदिर मुजगहन में 14 गर्भवती महिलाओं का तीन कुंडीय यज्ञ द्वारा पवित्र वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ विधिवत सामूहिक पुंसवन संस्कार कराया गया। साथ ही महिलाओं के संस्कारवान संतान की कामना के साथ उनके स्वस्थ एवं निरोग जीवन के लिए प्रार्थना की गई। यज्ञाचार्य वरिष्ट प्रज्ञा पुत्र धनवंतरी नाग ने पुंसवन संस्कार का महत्व बताते हुए कहा कि हमारे धर्मग्रंथों में 16 प्रकार के जो संस्कार बताए हैं, उनमें गर्भ पूजन पूजन का विशेष महत्व है।आनेवाली संतान ईश्वर का प्रतिनिधि होता है। उन्होंने बताया कि मां के गर्भ में बच्चा जब तीन महीने का स्थापित हो जाता है तब गर्भस्थ शिशु का मानसिक विकास इतना हो जाता है कि वह मां के प्रत्येक क्रियाकलापों, गतिविधियों को धीरे-धीरे ग्रहण करने लग जाता है। जन्म के बाद बच्चा वैसे ही व्यवहार करता है। अत: गर्भवती माता को चाहिए कि अपने चरित्र, चिंतन, व्यवहार, खानपान, रहन सहन को व्यवस्थित रखें। सदा प्रसन्नचित, शात, हंसमुख रहे, जिससे ज्ञानवान, गुणवान एवं चरित्रवान संतान की प्राप्ति हो।
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