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फिनलैंड की नाटो सदस्यता को तुर्किये की हरी झंडी

अंकारा, 18 मार्च। फिनलैंड को नाटो की सदस्यता दिलाने के अभियान में एक और सफलता मिली है। तुर्किये ने फिनलैंड की नाटो सदस्यता को हरी झंडी दिखाई है। इस बीच स्वीडन की नाटो सदस्यता पर तुर्किये की आपत्ति जारी है। अमेरिका ने फिनलैंड की नाटो सदस्यता पर तुर्किये के रुख का स्वागत करते हुए स्वीडन के नाटो प्रवेश की पुष्टि के लिए तुर्किये से कहा है। यूक्रेन पर रूस हमले के बाद से स्वीडन और फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने की प्रक्रिया तेज हुई थी। नाटो का सदस्य बनने के लिए सभी सदस्य देशों की सहमति जरूरी है। अब तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने पर अपनी सहमति दे दी है और फिनलैंड का नाटो सदस्यता आवेदन स्वीकार कर लिया है। फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली निनिस्तो ने फिनलैंड की नाटो सदस्यता के आवेदन की प्रक्रिया शुरू करने के फैसले का स्वागत किया। एर्दोगन ने निनिस्तो के साथ बैठक के बाद कहा कि तुर्किये ने अपनी संसद में नाटो में फिनलैंड की परिग्रहण प्रक्रिया की पुष्टि शुरू करने का फैसला किया है। निनिस्तो ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे फिनलैंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण कहा। फिनलैंड रूस के साथ लंबी सीमा साझा करता है। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में स्वीडन और फिनलैंड ने नाटो समझौते में शामिल होने के लिए पिछले साल आवेदन किया था लेकिन तुर्किये से अप्रत्याशित आपत्तियों का सामना करना पड़ा। स्वीडन और फिनलैंड लंबे समय से नाटो का सदस्य बनने की कोशिश कर रहे हैं। तुर्किये की आपत्ति के चलते स्वीडन का यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। तुर्किये के खिलाफ कुर्दिस्तान वर्किंग पार्टी अलग देश की मांग को लेकर संघर्ष छेड़े हुए है। तुर्किये का आरोप है कि स्वीडन की सरकार कुर्दिस्तान वर्किंग पार्टी का समर्थन करती है। साथ ही तुर्किये की मांग है कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के आलोचकों को स्वीडन की सरकार निर्वासित करे। हालांकि स्वीडन अपनी संप्रभुता और बोलने की आजादी के अधिकार के चलते तुर्किये की इन मांगों को नहीं मान रहा है। यही वजह है कि तुर्किये, स्वीडन के नाटो का सदस्य बनने की राह में रोड़ा बन रहा है। इस बीच अमेरिका ने फिनलैंड को नाटो की सदस्यता की राह साफ करने के तुर्किये के फैसले का स्वागत किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि स्वीडन और फिनलैंड दोनों मजबूत, सक्षम भागीदार हैं जो नाटो के मूल्यों को साझा करते हैं और गठबंधन को मजबूत करेंगे और यूरोपीय सुरक्षा में योगदान देंगे। फिनलैंड के बाद तुर्किये से स्वीडन के लिए भी नाटो की सदस्यता का पथ प्रशस्त करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों को जल्द से जल्द नाटो का सदस्य बनना चाहिए।
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